बद्रीनाथ पंडा समाज ने दी 15 मई को कपाट खुलने की सहर्ष स्वीकृति। बोले-गढ़वाल महाराज का निर्णय स्वीकार्य।
जोशीमठ 20 अप्रैल 2020 (हि. डिस्कवर)
*केदारनाथ के कपाट खुलने का कल हो पायेगा निर्णय।
बद्रीनाथ के कपाट अब 30 अप्रैल के स्थान पर 15 मई को खुलेंगे। इसकी जानकारी देते हुए प्रदेश के धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि टिहरी महाराज मनुजेंद्र शाह से बातचीत के बात उन्होंने कोरोना महामारी को देखते हुए 15 मई को बद्रीनाथ के कपाट खोलने की बात कही है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ के कपाट कब खोले जाएंगे इस पर केदारनाथ के रावल व पंडा समाज आपस में कल बैठकर 11 बजे तक दिनवार तय करेंगे।
वहीं दूसरी ओर बद्रीनाथ डिमरी समाज के प्रवक्ता पंकज डिमरी ने पंडा समाज की तरफ से इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि श्री बदरीनाथ धाम की धर्मध्वजा के वाहक महाराजा गढवाल मनुजेन्द्र शाह जी ने वैश्विक महामारी करोना के इस संकट काल में गढवाल निवासियों की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता पर रखते हुए बदरीनाथ जी के कपाट खुलने की तिथि में परिवर्तन कर दिया है । श्री बदरीनाथ जी के कपाटोद्घाटन अब 30 अप्रैल के स्थान पर 15 मई को प्रातः 4.30 पर होंगे । जबकि गाडू घडा कार्यक्रम 24 अप्रैल की जगह 5 मई को सम्पन्न होगा ।

महाराजा गढवाल के इस निर्णय को हम सहर्ष स्वीकार करते हैं ।साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ,धर्म और संस्कृति मंत्री सतपाल जी ,डिमरी पंचायत के परम्परागत अधिकारों और हकहकूकों को सरकार के समक्ष रखने वाले राज्य मंत्री डा० धन सिंह रावत जी,बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट जी ,मंदिर समिति के अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल जी सहित उतराखंड सरकार के मंत्रीमंडल का आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने कैबनट बैठक में प्रस्ताव पारित कर श्री बदरीनाथ धाम में महाराजा गढवाल और डिमरी ब्राह्मणों के परम्परागत व वंशानुगत अधिकारों की पुष्टि करी ।जो आने वाले समय में सभी मंदिरों के हकहकूक धारियों के लिए काफी उपयोगी व प्रमाणिक दस्तावेज सिद्ध होगा ।
स्मरणीय हैं मंदिर समिति एक्ट 1939 में पारित हुआ था । जब कि वह लागू 1941 में हुआ ।1944 से डिमरी पंचायत और मंदिर समिति के बीच अधिकारों को लेकर कोर्ट कचहरी शुरू हो गयी थी । हमारे पुरखों के लम्बे संघर्ष के बाद 1951 राज्य सरकार ने डिमरियों के अधिकारों की पुष्टी करी ।यह हम सब पर नारायण का आशिर्वाद है कि पहले देवस्थान बोर्ड और अब करोना के इस संकट काल में देवस्थान बोर्ड के अस्तित्व में आने से पहले ही राज्य सरकार ने कैबनट प्रस्ताव बनाकर हमारे अधिकारों की पुष्टि करी है ।कैबनट के मिनट्स भविष्य में बहुत उपयोगी होंगे ।
भगवान बदरीविशाल सम्पूर्ण जगत और भारत वर्ष को करोना महामारी से जीतने की शक्ति प्रदान कर आप सभी का कल्याण करें ।
ज्ञात हो कि बद्रीनाथ मन्दिर के कपाट पुरातन काल से ही शंकराचार्य परम्परा के अनुसार दक्षिण भारतीय रावल की मौजूदगी में खोले जाए रहे हैं। भले ही इस दौरान कई बातें उठी हैं लेकिन राजाज्ञा के आधार पर अब कपाट बद्रीनाथ के रावल की मौजूदगी में ही खोले जायेंगे।