मुख्यमंत्री ने दिए अवैध खनन रोकने के सख्त निर्देश !
मुख्यमंत्री ने दिए अवैध खनन रोकने के सख्त निर्देश !
देहरादून 11 अप्रैल (हि. डिस्कवर)

अवैध खनन पर प्रभावी रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने एक उच्च स्तरीय बैठक में निर्देश दिए कि अवैध परिवहन कर रहे वाहनों को तत्काल जब्त किया जाय, वाहन के परमिट के ससपेंशन/कैंसलेशन की कार्यवाही की जाय और वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड/कैंसल किया जाय। भण्डारण व स्टोन क्रेशर स्वामी को अवैध खनन, परिवहन व भण्डारण में लिप्त पाये जाने पर तत्काल सिलिंग तथा स्वीकृति निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाय। अवैध खनिजों के परिवहन व अवैध खनन में लिप्त वाहनों के पकड़े जाने पर शमन की कार्यवाही न की जाय तथा वाहनों को जब्त करते हुए वाहन स्वामी/चालक के विरूद्ध प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करायी जाय।
उन्होंने निर्देश दिये कि खनिजों के अवैध परिवहन पर रोकथाम हेतु विभाग द्वारा रात्रि में छापेमारी की जाय। प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारियों द्वारा अवैध खनन, भण्डारण एवं परिवहन की रोकथाम हेतु एक टास्क फोर्स का गठन किया जाय। उन्होंने बताया कि ऐसे क्षेत्र जहां अवैध खनन की अत्यधिक संभावना है ऐसे क्षेत्रों की निगरानी/अवैध खनन, परिवहन की रोकथाम हेतु जिलाधिकारी को पी.ए.सी. उपलब्ध करायी जायेगा। उन्होंने निर्देश दिये कि निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म के नियंत्रण में कुमाउं क्षेत्र एवं गढ़वाल क्षेत्र हेतु एक-एक पुलिस दल गठित किया जाय। जिसमें 01 पुलिस उपाधीक्षक, 01 निरीक्षक, 02 उप निरीक्षक, 02 हैड कान्सटेबल एवं 10 कान्सटेबल होंगे। खनिजों के परिवहन में प्रयुक्त वाहनों का पंजीकरण कराया जाय तथा पंजीकृत वाहनों का एक निश्चित रंग रखा जाय। पंजीकृत वाहनेां के ट्रेकिंग किये जाने हेतु जीपीएस या कोई अन्य उच्च पद्धति की संभावना तलाश कर ली जाय। कोसी नदी एवं अन्य नदियों में अवैध खनन की रोकथाम पर प्रभावी नियंत्रण हेतु निकासी मेटों की सुरक्षा निर्धारित की जाय तथा मेटों के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों से वाहनों के प्रवेश की दशा में पंचर करने हेतु टायर बस्टर लगाये जाय। खनन क्षेत्रों से खनिजों की निकासी सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही सुनिश्चित की जाय तथा ऐसे क्षेत्रों जहां नो एंटरी के कारण वाहनों को प्रवेश दिन एवं रात्रि के निश्चित समय तक निषेध होता है वहां रात्रि 09 बजे से 11 बजे तथा सुबह 5 बज से 7 बजे के मध्य ही खनन के वाहन चलें। रात्रि 11 बजे से सुबह 5 बजे के मध्य वाहनों को चलना प्रतिबन्धित रहेगा। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के द्वारा अवैध खनन, परिवहन की रोकथाम हेतु जियो इंन्फरमेंटिक सेल का यथाशीघ्र गठन किया जाय। प्रदेश में स्वीकृत समस्त स्टोन क्रेशर/भण्डारण का प्रत्येक वर्ष आॅडिट कराया जाय तथा आॅडिट के आधार पर ही आगामी वर्ष हेतु ई-प्रपत्र जारी किये जाय। समस्त स्टोन क्रेशर, खनन पट्टा स्वामियों द्वारा खनिजों के प्रवेश एवं निकासी मेटों पर सीसीटीवी कैमरा 10 दिन के भीतर स्थापित किये जाने हेतु जिलाधिकारियेां को निर्देशित किया जाय, अन्यथा की स्थिति में सिलिंग व स्वीकृति को निरस्त करने की कार्यवाही की जाय। उन्होंने बताया कि स्टोन के्रशर, खनन पट्टा स्वामियों द्वारा ई-रवन्ना प्राप्त किये जाने से पूर्व उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्थापनार्थ अनुमति प्राप्त की जानी आवश्यक होगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तीन दिन के भीतर उक्त अनापत्तियों आवेदक को सेवा का अधिकारी के अधीन उपलब्ध करायी जायेगी। अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण की सूचना देने वाले निजी/स्थानीय व्यक्ति को पुरस्कृत किया जायेगा, जिस हेतु सीक्रेट फण्ड की व्यवस्था की जायेगी तथा गलत सूचना दिये जाने पर दण्ड की व्यवस्था भी की जायेगी जिस हेतु विस्तृत नियमावली बनायी जायेगी। सीक्रेट फण्ड निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म इकाइ एवं सचिव खनन के नाम से स्वीकृत/स्थापित किया जायेगा। प्रदेश में संचालित समस्त पीक लैण्ड/जेसीवी/लोडरों का पंजीकरण परिवहन कार्यालय में कराये जाने हेतु परिवहन विभाग से समन्वय स्थापित कर पंजीकरण की कार्यवाही की जायेगी तथा उक्त मशीनों पर जीपीएस ट्रैकर वाहन स्वामियों द्वारा स्वयं के व्यय से लगाया जाय। खनिजों के परिवहन में प्रयुक्त वाहन जो गलत नम्बर प्लेट का प्रयोग कर रहे है को जब्त किया जाय। नदी के किनारे से 02 किमी की परिधि तक आरबीएम के खनन पट्टे एवं भण्डारण की अनुमति स्वीकृत नहीं की जायेगी।
बैठक में सचिव खनन शैलेश बगोली, अपर सचिव खनन विनय शंकर पाण्डेय, प्रबन्ध निदेशक उत्तरखण्ड वन विकास निगम एसटीएस लेप्चा आदि उपस्थित थे।
