9 करोड़ मुस्लिम महिलाओं को सुप्रीम कोर्ट ने दी खुशखबरी! तीन तलाक ख़त्म…!
इलाहाबाद/देहरादून/दिल्ली 22 अगस्त (हि. डिस्कवर)
सचमुच पूरे देश के लिए यह खुशखबरी की बात है. बिशेषकर नौ करोड़ मुस्लिम महिलाओं के लिए आज का दिन किसी त्यौहार से कम नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने शरियत के एकदम उलट फैसला देते हुए शायरा बानो केश पर तीन तलाक को रद्द करते हुए तीन तलाक आज से पूरे देश में असंवैधानिक करार दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ में तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया है! यह क़ानून 9 करोड़ महिलाओं के सुरक्षित भविष्य को सुरक्षित रखने में अहम होगा. देवबंद के युवाओं ने इसे ऐतिहासिक मानते हुए कहा है कि तीन तलाक ख़त्म किया भविष्य में मुस्लिम महिलाओं के लिए उनकी बेहतरी का सुनहरा अवसर है.
वहीँ शाइस्ता अम्बर कहती हैं कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि तीन तलाक इतनी जल्दी खत्म हो जाएगा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह हम सबके लिए ख़ुशी की बात है और उनके मुंह पर करारा तमाचा जो कुरआन का हवाला देकर तीन तलाक के नाम से बेवजह के क़ानून चला रहे थे. कई बहनें कुरआन को पढ़कर इस बाबत जानकारी जुटा रही हैं.
वही अलीगढ से प्राप्त जानकारी के अनुसार वहां का युवा वर्ग भी तीन तलाक के मसले में सुप्रीम कोर्ट का समर्थन करते दिखे उन्होंने दलीलें दी हैं कि हमें वक्त के अनुसार बदलाव में यकीन करना चाहिए ताकि मुस्लिम समाज के उदारता का सबको यकीन हो.
ज्ञात हो कि रक्षा बंधन पर देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को राखी बाँधने के बाद मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की महिला विंग की अध्यक्ष ने कहा था कि उत्तर प्रदेश की मुस्लिम महिलाओं ने जिस तरह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को समर्थन दिया था अब उन्हें भी चाहिए कि वे तीन तलाक को मुस्लिम बह्नों की जिन्दगी से उखाड़ फैंके. कानपुर की समाजसेविका अफसर जहाँ ने तीन तलाक पर आये फैसले को मुस्लिम महिलाओं के भविष्य से जोड़ते हुए माननीय सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इस से हमारी बहनें देश के हर नागरिक की बराबरी करने में सक्षम हो सकेंगी. उन्होंने साथ में यह भी कहा कि कुरआन में अगर तीन तलाक सम्मिलित नहीं था तब यह सचमुच प्रताड़ना से कम नहीं.
केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि भले ही उन्होंने तीन तलाक के फैसले को पढा नहीं है लेकिन 6 माह के लिए तीन तलाक पर जो फैसला दिया है वह ऐतिहासिक है. देश के हर नागरिक को समान नागरिक आचार संहिता का अनुपालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जैसे जैसे ज़माना बदल रहा है वैसे वैसे परम्पराएं भी बदल रही हैं. इसलिए महिलाओं को भी समान अधिकार मिलना चाहिए !
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुस्लिम महिलाओं को भी पूर्व में इंसाफ दिलाने का भरोसा दिया था. साथ ही मुख्यमंत्री ने उनसे महिला विकास मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से मिलकर इस बारे में सुझाव देने को कहा कि तीन तलाक मसले पर सरकार किस तरह के कदम उठा सकती है.
वहीँ तीन तलाक पीड़ित साजिया और नाजिया ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह 9 करोड़ मुस्लिम महिलाओं के भविष्य से जुड़ा ऐसा फैसला है जिससे उन्हें सबसे जयादा असुरक्षा का सामना करना पड़ता था. आज संविधान ने इसे असंवैधानिक करार देते हमें गर्व से सिर उठाने का मौक़ा दिया है. ज्ञात हो कि विश्व के 22 देशों ने तीन तलाक को पहले भी असंवैधानिक करार दिया है. एमएयु के चांसलर जफ़र सरेशवाला ने कहा कि तीन तलाक का यह फैसला वास्तव में मुस्लिम महिलाओं के लिए बेहद सुखद है. उन्होंने 22 मुस्लिम देशों में तीन तलाक बैन की बात करते हुए कहा कि जिस बांग्लादेश व पाकिस्तान का हवाला देते हुए कहा कि वहां भी तीन तलाक जैसी परम्परा नहीं है मैं तो कहता हूँ कि तीन तलाक देने वाले व्यक्ति को 10 साल का कारावास दे देना चाहिए.
बहरहाल पूरे देश में तीन तलाक को असंवैधानिक करार देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसला आते ही देश भर में मुस्लिम महिलाओं ने मिठाइयां बांटी हैं. और खूब जश्न मनाया है!