सिस्टम की उपेक्षा के बावजूद भी ग्रामीणों ने हार नहीं मानी और सड़क निर्माण का बीड़ा उठाया।
देहरादून 20 नवम्बर 2017 (हि. डिस्कवर)
नतीजा यह रहा कि ग्रामीणों ने पांच माह के श्रमदान से छह किलोमीटर लंबी सड़क बना डाली। अभी भी निर्माण चल रहा है।
टिहरी जनपद के थौलधार विकासखंड का थौलधार-ठांगधार पैदल मार्ग ऐतिहासिक रूप से गंगोत्री यात्रा का पैदल मार्ग रहा है।

यह मार्ग क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों का पैदल मार्ग है। स्थानीय लोग प्रतिदिन मार्ग का उपयोग करते रहे।
कुछ वर्षों तो ठीक चला, लेकिन विगत पंद्रह वर्षों से मार्ग की हालत जीर्णशीर्ण हो गई।
इस कारण मार्ग पर चलना जोखिम भरा बना था। कई बार ग्रामीण इस मार्ग पर चोटिल भी हुए।
रकारी गुहार से थक हार चुके ग्रामीणों ने 11 जून 2017 को श्रमदान शुरू कर मार्ग के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया।
क्षेत्र के दर्जन भर गांव बंडवालगांव, बरवालगांव, क्यूलागी, बमराड़ी, कंडरी, कोट, उजाड़गांव, बोरगांव, आदि के लोग स्वेच्छा से श्रमदान में आए।
प्रारम्भ के दिन उनके साथ महज सात आठ लोग थे, लेकिन बाद में धीरे-धीरे अन्य ग्रामीण इस कार्य में जुड़ते रहे।

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