14 दिन क्वारंटाइन में व्यतीत करने के बाद 16 दिन बाद भी घर नहीं भेजे जा रहे कुमाऊं के पुत्र-पुत्रियां।
नैनीताल 11 अप्रैल 2020 (हि. डिस्कवर)।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार कोरोना महामारी के दौर में भी दिशाहीन है क्योंकि उस में निर्णय लेने की क्षमता का अभाव है। सब असमंजस में हैं कि क्या किया जाना चाहिए क्या नहीं।
उन्होंने सोशल साइट पर ट्वीट करते हुए लिखा कि “हमारे कुछ कमाऊ पुत्र व पुत्रियां जो अलग-अलग जगहों से #उत्तराखंड पहुंचे, सरकार ने उनमें से कुछ को #क्वारंटाइन में लालकुआं के पास में मोटाहल्दू में रखा था। 14 दिन पूर्ण अनुशासन के साथ उन्होंने क्वारंटाइन के नियमों का पालन किया और अब 16 दिन हो रहे हैं, #CMO कहती है कि, कोई खतरा नहीं है मैंने, #जिलाधिकारी नैनीताल को लिख दिया है। #SDM कहते हैं, जब बच्चे व लोग उनसे संपर्क करते हैं कि, मुझे आदेश नहीं है, तो आखिर वो अपने घर जा सके और उनको घर भेजने की व्यवस्था का आदेश कौन देगा, #DM या #CM? यदि हर उत्तराखंडी जो बाहर से उत्तराखंड में पहुंचेगा, मैंने खुद भी कहा था कि, चाहे तो उनको कुछ दिन कुछ दिन ऑब्जरवेशन में रख लीजिये, जिसको क्वारंटाइन कहा जा रहा है, उसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं है। मगर हर चीज की एक सीमा होती है, अब उन बच्चों को अपने गांव-घर जाने दो और यदि मेरी बात, #जिलाधिकारी नैनीताल तक पहुंच सकती है, तो उनको बच्चों को तत्काल जाने देना चाहिये।”
