होली के रंगों में रंगी नहीं दुनिया..!

(मनोज इष्टवाल)

नन्हीं दुनिया..अर्थात एक ऐसा अंतर्राष्ट्रीय आन्दोलन जिसके बूते पर शिक्षा का उजाला ऐसे समाज के बच्चों तक पहुंचा जिनकी पैरोकारी का इस से पूर्व कोई मंच नहीं था! बर्षों से इसी नन्हीं दुनिया को अपने कंधों पर लाधे चली एक महिला ने इस नहीं दुनिया के सितारों को ऐसे फलक पर जा बिठाया जहाँ सर्व सम्पन्न अस्तित्व वाले भी पहुँचने को बेताब रहते हैं! इस महिला का नाम है श्रीमती किरण उल्फत गोयल….!

नहीं दुनिया की मुख्य प्रवर्तक के रूप में बर्षों से इंद्र रोड स्थित मदर हाउस में एक आवासीय विद्यालय चला रही श्रीमती किरण उल्फत गोयल से मेरी बर्ष 2003 या 2004 में मुलाक़ात हुई थी तब उनके भाई आलोक उल्फत व उनकी पत्नी श्रुति उल्फत कुछ विदेशी मेहमानों को लेकर नन्हीं दुनिया के बच्चों के बीच एक कार्यशाला कर रहे थे व इसी दौरान श्रुति उल्फत अपनी हिंदी फीचर फिल्म भी कर रही थी! सहृदयी श्रीमती किरण उल्फत गोयल से यह छोटी मुलाक़ात ऐसी साबित हुई कि उनके कृत्यों के फलस्वरूप उन्हें अपने जेहन से भुला नहीं पाया!

यों तो नन्हीं दुनिया के बच्चे हर त्यौहार को बेहद सलीखे से मनाते हैं जिसका आमन्त्रण मुझे हमेशा मिलता रहा है लेकिन ब्यक्तिगत ब्यस्तता के कारण जाना नहीं हो पाया! आज भी किरण जी का होली मिलण कार्यक्रम था जिसकी रंगोली बच्चों द्वारा बहुत खूबसूरत तरीके से बनायी हुई थी! श्रीमती किरण उल्फत गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि नहीं दुनिया के कार्यक्रमों में यूँ तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई महान हस्तियाँ आती रहती हैं लेकिन आज होली मिलन कार्यक्रम में भी राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर पर कई समाजसेवी शिक्षाविद यहाँ प्राकृतिक, सृजनात्मक व सादे तरीके से त्यौहारों को मनाने की परम्परा को देख बेहद आनन्दित हुए हैं!

मुंबई फिल्म नगरी से जुडी सात्विका गोयल ने भी नन्हीं दुनिया के बच्चों के साथ मिलकर कागजों की चिड़ियाएँ, तितलियाँ, छाते, व विभिन्न सतरंगी रंगों से सजी मटकियों से पूरा नन्हीं दुनिया प्रांगण सजाकर विभिन्न रंगों की खूबसूरत रंगोली बनाई!

कार्यक्रम का शुभारम्भ कर्नल रवि मेहोत्रा, कैप्टेन अजय सिंह ने पारम्परिक दीप प्रज्वलित कर किया! .संगीत की सुंदर धुन के साथ नन्हीं दुनिया के बच्चों द्वारा होली के बिशेष पर्व को ध्यान में रखते हुए तरह तरह की रंगोलियों का सृजन किया! साथ ही मनमोहक गीत व नृत्य प्रस्तुत कर शमां बाँधी! इस दौरान होली पर केन्द्रित नाटक में नन्हीं दुनिया के बच्चों ने फूलों प्राकृतिक रंगों व पर्यावर्णीय शुद्धता को बचाए रखने का जो संदेश दिया उसकी सभी आगंतुकों ने खुले मन प्रशंसा की!

होली की सभी को मुबारकबाद देते हुए नन्हीं दुनिया की मुख्य प्रवर्तक श्रीमती किरण उल्फत गोयल ने कहा कि समाज का प्रत्येक बच्चा देश की अमूल्य धरोहर है! हर बच्चे में कोई न कोई ऐसी प्रतिभा अवश्य होती है जिस से वह देश दुनिया में अपना नाम रोशन कर सके बस उस प्रतिभा को पहचानने के लिए कोई ऐसा मंच अवश्य होना चाहिए जो उसकी प्रतिभाओं का आंकलन कर सके! उन्होंने कहा नन्हीं दुनिया ऐसा ही प्लेट फॉर्म समाज के उस सबसे पिछड़े बच्चे के लिए भी तैयार करती है जिसके पास अपनी प्रतिभाओं के आंकलन करने वाला कोई प्लेटफॉर्म नहीं होता!

नन्हीं दुनिया के इस होली मिलन कार्यक्रम का समापन ढोल की थाप पर नृत्य के साथ हुआ जिसमें विजय गोयल, श्रीमती उर्मिला ठाकुर, चित्रा थापा, दीपा मेहोत्रा, हर्षित, बिशम्बर बजाज, सुरभि इत्यादि शामिल थे!

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