हैलीकाप्टर विवाद…! डबल और सिंगल इंजन ? आखिर कौन नहीं चाहता सतपाल महाराज को लोकप्रिय होता देखना…!

देहरादून 29 अप्रैल (हि. डिस्कवर)
सत्ता लोलुपता का इस से अजब गजब उदाहरण और क्या हो सकता है कि केंद्र में प्रदेश का भारी भरकम कद रहे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को जानबूझकर हैलीकाप्टर आकाश में उड़ाकर गंतब्य में छोड़ने से पहले ही देहरादून लौट आता है.
विगत 10 मई को वाण में लाटू देवता की पूजा रही हो या फिर विगत 23 मई को द्रोणागिरी ट्रेक ऑफ़ द इयर 2017 का शुभारम्भ ! दोनों ही बार हैलीकाप्टर महाराज को लेकर उड़ा तो सही लेकिन कार्यक्रम स्थल पर छोड़ने की जगह एक बार देहरादून वापस ले आया तो दूसरी बार जोशीमठ छोड़ आया .
 
वाण गाँव में भले ही पायलट ने थोड़ी देर हैलीपैड के ऊपर थाह ली लेकिन द्रोणागिरी में तो वह हिमालयन की ऊँचाइयों पर उड़ता हुआ निकल गया. इन दोनों प्रकरणों के बाद जहाँ सरकार की जनता के बीच छवि खराब हुई है वहीँ सतपाल महाराज के प्रति लोगों में प्यार व उत्साह बढ़ा है. जबकि यह सब षड्यंत्र उन्हें विफल करने की साजिश बताई जा रही है.
वहीँ इन प्रकरणों से क्षुब्ध सतपाल महाराज ने जहाँ एक ओर मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र लिखकर स्पान नामक इस कम्पनी पर जांच की मांग उठाई है वहीँ डीजीसीए को भी इस सम्बन्ध में इतला कर दिया गया है.
अब इस डबल इंजन की सरकार के मुख्य बिंदु पर आते हैं. जब स्पान कंपनी का यह हैलीकाप्टर जोशीमठ में सतपाल महाराज को उतारकर रेकी करने के बहाने द्रोणागिरी पहुंचा और वहां से सीधे देहरादून लौट आया व यह जानकारी दी गयी कि हवा का दाब अधिक होने से वहां हैलीकाप्टर लैंड नहीं हो सकता तब एक सिंगल इंजन हैलीकाप्टर उन्हें लेकर उड़ने को तैयार भी हो गया था लेकिन सूत्र बताते हैं कि उसे यह धमकी दी गयी कि अगर तुम इन्हें लेकर गए तब तुम्हारा लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाएगा.
आखिर जो कोई भी परदे के पीछे यह षड्यंत्र रच रहा है उसका यह पता नहीं लग पा रहा है कि वह सरकार या मुख्यमंत्री को फेल करना चाहता है कि सतपाल महाराज को. बहरहाल इन दोनों प्रकरणों में सरकार व मुख्यमंत्री ही जनता की नजर में संदेह के घेरे में हैं. क्योंकि यह बात सभी जानते हैं कि किसी भी प्रदेश का डबल इंजन हैलीकाप्टर मुख्यमंत्री या राज्यपाल के लिए आरक्षित होता है उनके अलावा सिंगल इंजन हैलीकाप्टर में मंत्री संत्री से लेकर कोई भी आ जा सकता है. उसकी बाध्यता नहीं होती.
यहाँ यह भी बात सोचनीय है कि केदारनाथ में 6 कम्पनियों के सिंगल इंजन हैलीकाप्टर धडल्ले उड़ रहे हैं. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में ज्यादातर समय क्या मुख्यमंत्री और क्या मंत्री सभी सिंगल इंजन हैलीकाप्टर से उड़ान भरते रहे हैं. और तो और वाण में जहाँ सतपाल महाराज को उतरना था वहां पूर्व में कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे हरीश रावत उतर चुके हैं . ऐसे में अचानक ये मानक कैसे बदले गए समझ नहीं आता.
बहरहाल इस डबल इंजन वाली सरकार के हैलीकाप्टर का डबल इंजन इन दो प्रकरणों में सतपाल महाराज की नहीं बल्कि सरकार की जनता के बीच बेहद खराब छवि प्रस्तुत कर गया है.

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