हिमालयन पहाडी घर! — होमस्टे के जरिये रिवर्स माइग्रेशन की उम्मीदों को लगेंगे पंख, पर्यटकों को आकर्षित करेगा परंपरागत पहाड़ी शैली से बने पुश्तैनी मकान।

हिमालयन पहाडी घर! — होमस्टे के जरिये रिवर्स माइग्रेशन की उम्मीदों को लगेंगे पंख, पर्यटकों को आकर्षित करेगा परंपरागत पहाड़ी शैली से बने पुश्तैनी मकान।

(ग्राउंड जीरो से संजय चौहान!)
क्या रखा है इन वीरान पहाड़ों में–, न रोजगार न मूलभूत सुविधाएँ और न सुरक्षित भविष्य –। का आखर ज्ञान देते अक्सर आपकी हर रोज कई लोगों से भेंट होती होगी। लेकिन इन सबसे इतर रूद्रप्रयाग जनपद के ऊखीमठ ब्लाक के किमाणा गाँव निवासी डाॅ कैलाश पुष्पवान नें पहाड़ों मे रोजगार सृजन कर लोगों के सामने एक उदाहरण पेश किया है। वनस्पति विज्ञान में परास्नातक और पीएचडी की डिग्री जैसी उच्च शिक्षा प्राप्त डाॅ कैलाश पुष्पवान नें ऊखीमठ को अपनी कर्मस्थली के लिए चुना। विश्व बैंक की परियोजना में पर्यावरण विशेषज्ञ के रूप मे भी इन्होंने अपनी सेवाएँ दी जबकि हिमालयन ग्रामीण विकास संस्था ऊखीमठ के जरिए ग्रामीणों को रोजगार सृजन से जोडने के लिए कृर्षि, उद्यानीकरण, वानिकी सहित स्थानीय उत्पादों बुरांस का जूस, माल्टा का जूस, आंवला, गुलाब सहित विभिन्न प्रकार के अचार लिंकुडा का अचार, लहसुन का अचार, तिमले का अचार बनाने का प्रशिक्षण देना, कम्प्यूटर, कताई, सिलाई बुनाई का प्रशिक्षण देकर महिलाओं को स्वावलंबी बनाना।महिला सशक्तिकरण को लेकर जनजागरूकता कार्यक्रम चलाना।

नौनिहालो को लाइब्रेरी का बंदोबस्त करना सहित अनगिनत कार्यों को डाॅ कैलाश पुष्पवान द्वारा बिना शोर शराबे के चुपचाप अंजाम दिया जा रहा है। इसी कड़ी में उन्होंने एक नयीं पहल शुरू की है। रूद्रप्रयाग जनपद के ऊखीमठ ब्लाक में ऊखीमठ -चोपता मार्ग पर अपने गाँव किमाणा में हिमालयन पहाड़ी घर- होमस्टे की बहुत जल्द शुरुआत करने जा रहे हैं। उन्होंने परंपरागत पहाड़ी शैली से बने पुश्तैनी मकान को रंगरोगन कर होमस्टे हेतु पर्यटकों के लिए तैयार कर दिया है। डाॅ पुष्पवान कहते हैं कि मेरी सोच थोड़ी जुदा है। मेरा कार्य धरातल पर दिखाई दे तभी मुझे खुशी होती है। इसके अलावा लोगों के चेहरे खुशी से खिले तो समझो आप सही दिशा की ओर अग्रसर है। अभी तो बस कोशिश भर की है मंजिल बहुत दूर है। कहते हैं कि आने वाले दिनों में हिमालयन पहाडी घर होमस्टे के जरिये रिवर्स माइग्रेशन की उम्मीदों को जरूर पंख लगेंगे और लोग वापस अपने गाँव लौटेंगे—।
हमारी ओर से भी डाॅ कैलाश पुष्पवान को उनके हिमालयन पहाड़ी घर-होम स्टे को अग्रिम बधाईया। आशा करते है कि उनकी ये पहल रिवर्स माइग्रेशन की उम्मीदों को पंख लगायेगी।

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