हरेला पर्व पर्यावरण एवं संस्कृति का पर्व- मुख्यमंत्री

देहरादून 17 जुलाई (हि.डिस्कवर)
मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को जीजीआईसी राजपुर रोड में धाद संस्था द्वारा हरेला पर्व के उपलक्ष्य में छात्र-छात्राओं द्वारा पर्यावरण एवं संस्कृति पर केन्द्रित रैली शुभारम्भ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। धाद संस्था को कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु बधाई देते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने छात्रों से कहा कि हरेला पर्व पर्यावरण एवं संस्कृति का पर्व है।

भारत में प्रकृति पूजा की परम्परा रही हैं। यहां वृक्षों, सांपो, जन्तुओ तथा प्रकृति के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। हमारी परम्पराएं वैज्ञानिक आधार रखती है। क्योंकि सभी प्राणी हमारी ईको सिस्टम का हिस्सा है अतः हमारी प्रकृति पूजा की परम्परा पर्यावरण संरक्षण तथा प्रकृति पे्रम का संदेश देती है। हमें अपनी पर्यावरण हितैषी परम्पराओं को बनाये रखना होगा। मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारे राज्य में लगभग 12000 वन पंचायते है। हमारी इन वन पंयायतों में राज्य की महिलाओं की सक्रिय सहभागिता है। राज्य में महिलाएं महिला मंगल दलों, अन्य स्वयं सहायता समूहों तथा स्वयं के प्रयासों द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय भागीदारी कर रही है। पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। हरेला के अन्र्तगत राज्य भर में एक महीने तक वृक्षारोपण किया जाएगा। राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को वृक्षारोपण करना चाहिए। मुख्यमंत्री  ने छात्रों कहा कि  टाइम मैनेजमेंट का घ्यान रखे के साथ राष्ट्रीय तथा अन्र्तराष्ट्रीय घटनाओं की अद्यतन जानकारी भी रख। मुख्यमंत्री ने छात्रो से अनौपचारिक बातचीत के दौरान हाल ही के समाचार पत्रों में छपी घटनाओं के बारे में प्रश्न पूछे। मुख्यमंत्री  ने छा़त्रों से पूछा कि क्या उन्हें पता है कि आज नए राष्ट्रपति का निर्वाचन है। छात्रों ने उत्साहित होकर मुख्यमंत्री के सभी प्रश्नों के उत्तर दिए। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री  ने विद्यालय के परिसर में वृक्षारोपण किया।

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