स्वरांजली ने खोला बेलावाला में नया संगीत विद्यालय! एडमिशन प्रक्रिया शुरू!
विकासनगर (देहरादून) 24 जून 2019 (हि.डिस्कवर)

पछवादून क्षेत्र में विगत चार बर्षों से एकलौता संगीत विद्यालय जो पूर्व में भीमावाला से संचालित होता था, वर्तमान में विकास नगर के बेलावाला नजदीक हनुमान धाम से संचालित हो रहा है जिसमें जौनसार बावर क्षेत्र सहित पछवादून क्षेत्र के कई छात्र-छात्राएं संगीत के क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं!आपको बता दें कि यह विद्यालय पछवादून क्षेत्र का पहला ऐसा संगीत विद्यालय है जिसमें प्रदेश की जानी मानी कई बड़ी हस्तियाँ व राजनेता आकर विद्यालय की गतिविधियों की प्रशंसा कर चुके हैं! विगत 21 जून को योगा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भी स्वरांजली संगीत विद्यालय में कई क्षेत्रीय लोगों ने शिरकत की ! उन्हें यह जानकार आश्चर्य हुआ कि योगा और संगीत का आपस में इतना सुंदर तारमतम्य भी होता है क्योंकि उन्हें यह पहली बार दिखने को मिला कि यहाँ के छात्र-छात्राएं तबले व ढोलक की संगत के साथ योगा कर रहे हैं!

स्वरांजली संगीत विद्यालय की संस्थापिका शान्ति वर्मा तन्हा बताती हैं कि जब उन्होंने यह विद्यालय भीमावाला से बेलावाला शिफ्ट किया था तब शुरूआती दिक्कतें सामने यह आई कि छात्र-छात्राओं के पास यहाँ पहुँचने के लिए संसाधनों का अभाव रहा लेकिन विद्यालय की निरन्तरता देखते हुए छात्र-छात्राओं ने ही नहीं बल्कि उनके अभिवाहकों का भी उन्हें बहुत सहयोग प्राप्त हुआ और आज प्रतिदिन विद्यालय में एडमिशन के लिए छात्र-छात्राएं आ ही रहे हैं !उन्होंने जानकारी हुए बताया कि स्वरांजली में शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत के साथ पहाड़ी संगीत में हारमोनियम, ढोलक, तबला, गिटार, कैसियो, प्यानो, ओक्टोपैड, कांगो, रणसिंघा, ढोल दमाऊ वादन, नृत्यों में कत्थक, जौनसारी, गढ़वाली, नेपाली, पंजाबी, हिमाचली सहित विभिन्न जनपदों के लोकनृत्य व गायन में शास्त्रीय, जौनसारी-कुमाउनी व गढ़वाली तथा हिंदी में विभिन्न विधाओं पर केन्द्रित गायन कला सिखाई जाती है!

सुश्री शान्ति वर्मा तन्हा कहती हैं कि यह स्वरांजली संगीत विद्यालय की दीक्षा का ही कमाल है कि यहाँ के छात्र-छात्राएं देश भर के राष्ट्रीय मंचों, टीवी चैनल्स, समाचार पत्रों में ही सुर्ख़ियों में नहीं रहे बल्कि विश्व भर की निगाहों का केंद्रबिंदु रहे देश के ऐतिहासिक 26 जनवरी परेड में भी विभिन्न संस्थाओं के साथ जुड़कर अपना प्रदर्शन दिखा चुके हैं!बहरहाल स्वरांजली संगीत विद्यालय की यह तो खासियत है कि इससे शिक्षा प्राप्त कर रहे या कर चुके छात्र-छात्राएं अपना नाम कमा रहे हैं व यह पहला ऐसा संगीत विद्यालय है जिसने पछवादून में संगीत के क्षेत्र में सर्वप्रथम दखल दी और अब उसके पीछे पीछे कई अन्य संगीत विद्यालय भी खुलने शुरू हो गए हैं!