स्वरांजलि ने साहित्यकार रतन सिंह जौनसारी की पुण्य तिथि पर मनाया अपना वार्षिकोत्सव। जौनसारी के जन्मदिन पर दो पुस्तकों का लोकार्पण।

(मनोज इष्टवाल)
पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी कहें या फिर जैन समाज के अध्यक्ष नेम चन्द जैन, दोनों ने ही नहीं बल्कि मंच का संचालन कर रहे डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन सबने एक ही बात कही कि साहित्यकार कभी मरते नहीं हैं क्योंकि उनके लिखे साहित्य का संज्ञान लेने के बाद उसे परिभाषित करते हुए हमेशा कहा जाता है कि उन्होंने कहा है न कि वे कहते थे। जिससे साफ जाहिर होता है कि साहित्यकार कभी मरता नहीं मरने के बाद भी लोक समाज के बीच जिंदा रहता है।

यह सब जहां एक ओर देहरादून के एक होटल में मूर्धन्य साहित्यकार, कवि , लेखक, गीतकार व गायक रतन सिंह जौनसारी की पुण्य तिथि पर आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में चल रहा था जिसमें उनकी लिखी पांडुलिपि को प्रकाशित कर पुस्तकों का रूप दे दिया गया था जिनमें एक “काव्य मुहावर लोकोक्तियाँ” तथा दूसरी “छंद प्रवाह” प्रमुख हैं। वहीं दूसरी ओर रतन सिंह जौनसारी की शिष्य रही जौनसार बावर की लोकसंस्कृति कर्मी व स्वरांजलि विद्यालय की संस्थापक सुश्री शांति वर्मा “तन्हा” द्वारा हर बर्ष की भांति इस बर्ष जहां अपने विद्यालय का वार्षिकोत्सव मनाया वहीं साहित्यकार रतन सिंह जौनसारी की पुण्यतिथि पर कई रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भी किया।
दोनों ही जगह अगर एक समानता को देखा जाय तो वह समानता थी विकास नगर विधान सभा के विधायक मुन्ना सिंह चौहान एवम जौनसार बावर क्षेत्र की समाजसेवी सुश्री बिमला । विधायक मुन्ना सिंह चौहान व सुश्री विमला ने पहले विकास नगर स्थित स्वरांजलि संगीत विद्यालय में शिरकत की और उसके बाद वे देहरादून स्थित साहित्यकार रतन सिंह जौनसारी के परिवार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे।

विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि साहित्यिक गोष्ठियों व कार्यक्रमों में समाज कम रुचि दिखाता है जबकि राजनीतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी निभाता है । उन्होंने स्वरांजलि संगीत विद्यालय के क्रियांवयन पर खुशी जताते हुए कहा कि जिस तरह शांति वर्मा मात्र कुछ बर्षों में ही विद्यालय में लगभग 180 छात्र-छात्राएं जोड़ गयी वह काबिलेतारीफ है। उन्होंने साहित्यकार रतन सिंह जौनसारी को अपना मार्गदर्शक बताते हुए मसूरी से घर लौटते वक्त का वह किस्सा सुनाया जब उन्होंने बस कंडक्टर द्वारा किसी अन्य यात्री को टिकट न देने व पैसे पूरे वापस न करने पर प्रतिरोध जताया था और जौनसारी ने उनकी पीठ थपथपाकर कहा था कि यह आग अपने में जिंदा रखना।

वहीं शांति वर्मा “तन्हा” ने बताया कि स्वरांजलि संगीत विद्यालय हर दिन नए आयामों को छू रहा है और सभी का प्यार व आशीर्वाद उन्हें मिल रहा है। उन्होंने बताया कि विधायक मुन्ना सिंह चौहान खुश होकर ₹10 हजार अपने व्यक्तिगत खर्चे से विद्यालय परिवार को नगद दे गए जो उनके विद्यालय के लिए आशीर्वाद स्वरूप है।
बहरहाल देहरादून स्थित कार्यक्रम में जहां जौनसारी जी के बेटे बेटियां दामाद व श्रीमती सहित सभी उपस्थित थे वहीं साहित्य परिवेश की कई महान विभूतियों के अलावा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मधु तोमर चौहान, लोकसंस्कृति कर्मी नन्द लाल भारती, समाजसेवी व पत्रकार भारत चौहान, इन्द्र सिंह नेगी, प्रेम पंचोली, सुरेंद्र सिंह पुंडीर इत्यादि उपस्थित थे।

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