स्वरांजलि ने शुरू किया कत्थक नृत्य !

स्वरांजलि ने शुरू किया कत्थक नृत्य !
विकासनगर 10 जून (हि.डिस्कवर)
संगीत के क्षेत्र में दिनों-दिन नए आयाम हासिल करने वाला स्वरांजलि संगीत विद्यालय जहाँ एक ओर लोक संगीत शाश्त्रीय संगीत सहित प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद के सानिध्य में विगत दो बर्षों से निरंतर अपनी गतिविधियों से क्षेत्र में नए नए आयाम हासिल कर रहा है वहीँ अब विगत कुछ दिनों से विद्यालय ने ग्वालियर घराने के कत्थक गुरु विक्रम कत्थक के माध्यम से कत्थक की कक्षाएं भी प्रारम्भ कर दी हैं.
विक्रम कत्थक का कहना है कि नृत्य वह विधा है जिसे धनार्जन का माध्यम बनाकर आज बाजारों में लूट मची हुई है लेकिन कोई यह नहीं जानता कि यह एक ऐसी साधना है जो मन कर्म और वचन तीनों के बेहद अनुशासन में बांधे रखने का कार्य करती है.
उन्होंने कहा कि इस विद्यालय के पास कई होनहार छात्र-छात्राएं हैं जिन्होंने उन्हें शुरूआती दौर में ही बेहद प्रभावित किया है. उनकी देखा-देखी में धीरे धीरे यहाँ छात्रों की उत्सुकता कत्थक के प्रति बढ़ने लगी है जिससे वे स्वयं भी उत्साहित हैं.
उन्होंने स्वरांजलि संगीत विद्यालय की मैनेजिंग डायरेक्टर शान्ति वर्मा तनहा की प्रशंसा करते हुए कहा है कि जितनी कम फीस लेकर वह यह विद्यालय चला रही हैं उस से उन्हें आश्चर्य होता है क्योंकि कत्थक सिखाने के लिए जितनी फीस शुरूआती दौर में एक बच्चे की होती है उतने में शान्ति वर्मा तनहा तीन छात्र-छात्राओं को कत्थक की शिक्षा दे रहिहैं जो अपने आप में एक मिशाल है.
स्वरांजलि संगीत विद्यालय की मैनेजिंग डायरेक्टर शान्ति वर्मा तन्हा का कहना है कि वह इस विद्यालय को इस लिए नहीं चला रही हैं कि उस से कमाई करें बल्कि उनका सपना है कि इस विद्यालय से निकला हर छात्र-छात्रा एक दिन संगीत के क्षेत्र में नयी उंचाइयां हासिल कर देश व परदेश का नाम रोशन करे. उन्होंने कहा कि एक विद्यालय चलाना सरल काम नहीं है क्योंकि वर्तमान में प्रतिस्पर्दा के इस दौर ने तेजी से कई परिवर्तन लायें हैं जिस से मूल शैक्षिक ढांचा बदलाव की चपेट में आया है . ऐसे में उनका विद्यालय दिनों दिन छात्र-छात्राओं की आमद बढाता जा रहा है जो एक शुभ संकेत है. उनका कहना है कि कत्थक नृत्य ह्रदय ही नहीं बल्कि हर तंत्र कोशिका से जुडा एक नृत्य ही नहीं बल्कि ब्यायाम भी है जो आपके रोगों को नष्ट करता है. उन्होंने आशा ब्यक्त की कि ग्वालियर घराने के कत्थक गुरु विक्रम कत्थक से विद्यालय के बच्चे बहुत गहराई से शिक्षा ग्रहण करेंगे जिसके परिणाम निकट भविष्य में देखने को मिलेंगे!

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