स्वच्छ भारत अभियान के तीन वर्ष बाद भी स्वच्छता अभियान  पर प्रश्नचिन्ह!

स्वच्छ भारत अभियान के तीन वर्ष बाद भी स्वच्छता अभियान  पर प्रश्नचिन्ह!

देहरादून,३ अक्टूबर २०१७ (ऊषा नेगी)
विगत २०१४ गाँधी जयंती से जिस स्वच्छता अभियान की  देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी  ने नींव  रखी थी आज उसे पूरे तीन साल हो गए हैं.भले ही स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी हो लेकिन इन तीन सालो में हमने यह देश कितना स्वच्छ रखा यह प्रश्न मुंह बाये खड़ा है.
आज तीन सालों के बाद भी स्वच्छता अभियान एक मजाक बन कर रह गया है. सफाई के नाम पर आज भी हमारे आस पास गंन्दगी का ढेर लगा है .राजधानी बनने  से पूर्व देहरादून शहर अपने आप में बहुत स्वच्छ और साफ़ हुआ करता था लेकिन वर्तमान में भारी जनसंख्या के दबाव के कारण इसके गली मौहल्लों में कूड़े के अम्बार लगे दिखाई देते हैं. फिर भी हम में से कोई भी पहल करने की कोशिश नहीं करता है.
(फाइल फोटो)
स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने २०१४ में गाँधी जयंती के शुभ अवसर पर शुरू किया था लेकिन इस अभियान में जब तक लोग स्वयं जागरूक नहीं होगें तब तक यह अभियान महत्वहीन ही रहेगा.
(फाइल फोटो)
विगत दिवस ओएनजीसी सभागार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के स्वच्छता सेवा कार्यक्रम में अनेक प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत  ने कहा कि स्वच्छता अभियान एक जन आन्दोलन है .उन्होंने यह भी कहा की खुले में शौच करने वाले राज्यों में उत्तराखंड का चौथा स्थान है जो की स्वयं में एक चिंता का विषय है . “स्वच्छ संकल्प से स्वच्छ सिद्धि” विषय में आयोजित प्रतियोगिता में सफल प्रतिभागियों को तीन हजार  से 50 हज़ार रूपये तक का नकद पुरस्कार दिया गया. स्वच्छता अभियान की सफलता सिर्फ आमजन के लिए नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र के लिया गौरवान्वित पहल होगी जिससे हम विश्व भर में स्वच्छता सम्बन्धी सन्देश देने में सफल हो पायें.

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