स्नो मेकिंग मशीन की जांच शुरू! जल्दी ही नपेंगे घोटाले बाज !

स्नो मेकिंग मशीन की जांच शुरू! जल्दी ही नपेंगे घोटाले बाज !
देहरादून 26 अपै्रल । खेल मंत्रालय और पर्यटन विभाग में आजकल चल रही सुगबुग पर यकीन करें तो भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस नीति घोषित किये बैठी उत्तराखंड की भाजपा सरकार साउथ एशियन फैडरेशन विन्टर गैम्स 2010-11 के लिये दो करोड रूपये से खरीदी गई स्नो मेकिंग मशीनों के घोटाले की भी जांच कर सकती हैं। यह मशीन उसी साल औली के पहाडों में स्थापित की गई थी लेकिन ये चली कभी नही । हैरानी की बात यह है कि इस सौदे के पीछे रहे तत्कालीन खेल सचिव रहे एक शक्तिशाली अफसर के चलते पिछली दो सरकारों, जिनमें एक  भाजपा की भी थी, ने इस घोटाले की जांच की जरूरत नही समझी । कारण कि संबंधित अफसर अपने 2016 में हुए रिटायरमेंट तक, सचिवालय में ताकतवर रहा था ।  मशीन खेल विभाग ने साउथ एशियन फैडरेशन विन्टर गैम्स 2010-11 के लिये खरीदी थी लेकिन उसका कोई  इस्तेमाल कभी भी नही हुआ । बेकार पडी देखकर ही  बाद में इन्हे पर्यटन विभाग के हवाले कर दिया गया । साफ है कि यह जनधन का बेशर्म दुरूपयोग का एक उदाहरण है ।

संबंधित अधिकारी याद करके बताते हैं कि मशीन इसलिये खरीदी गई थी कि साउथ एशियन फैडरेशन विन्टर गैम्स 2010-11 में आवश्यक बर्फ न पडी तो उत्तराखंड में पहली बार आयोजित हो रहे ये प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन खटाई में न पड जाये लेकिन आयोजन तिथियों से पहले ही आयोजन स्थल पर भारी बर्फवारी हुई और इस मशीन की जरूरत ही नही पडी ।
हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर सचिव खेल शैलेश बगौली का कहना था कि हम मशीन की मरम्मत कराकर भारत तिब्बत सीमा पुलिस की मदद से इसके उपयोग की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं । उन्होने यह दावा भी किया कि ऐसा भी नही है कि मशीन कभी चली ही नही । यह आने के कुछ दिन बाद चली भी है और अब हम इसके दोबारा उपयोग की तैयारी में हैं । अलबत्ता, वे इस सवाल का जवाब नही दे पाये कि इतनी मंहगी मशीन के सात तक यूं ही पडे रहने की जिम्मेदारी तय कर किसी को दंडित किया जायेगा ?
 
 

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