सुशीला तिवारी हर्बल गार्डन को विकसित करने के लिए पतंजलि योग पीठ को लीज पर दिया जाएगा!

देहरादून 8 जनवरी 2018 (हि. डिस्कवर)
प्रदेश के वन एवं वन्य जीव, पर्यावरण एवं ठोस, अपशिष्ट निवारण, श्रम, सेवायोजन, प्रशिक्षण, आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री डाॅ0 हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में जड़ी-बूटी उत्पादन के क्षेत्र में वन पंचायतों की अधिक से अधिक सहभागिता निभाने विषयक बैठक सम्पन्न हुई।
वन मंत्री डाॅ0 रावत ने पतंजलि योग संस्थान के साथ स्थित 750 वन पंचायतों में जड़ी-बूटी कृषिकरण एवं प्रोसेसिंग कार्य प्रदेश सरकार के साथ मिलकर करने की कार्य योजना  तैयार करने के निर्देश दिये। पतंजलि योग पीठ इन वन पंचायतों में सम्भावित पैदा होने वाली जड़ी-बूटी का सर्वे, पौध की उपलब्धता हेतु नर्सरी विकसित करने, बेरोजगार युवाओं को जड़ी-बूटी संकलन कार्य से जोड़ने तथा काश्तकारों से सपोर्ट प्राईज पर जड़ी-बूटी खरीदने का कार्य करेगा। उन्होंने पौध रोपण, उत्पादन स्थल के आस-पास प्राइमरी प्रोसेसिंग सेन्टर स्थापना तथा काश्तकारों के ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजन हेतु पतंजलि के मुख्य अधिशासी अधिकारी आचार्य बालकृष्ण से इस परियोजना को मूर्त रूप देने की अपील की।
वनमंत्री डाॅ0 रावत ने कहा कि गत दिनांें मा0 मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में ऋषिकेश स्थित सुशीला तिवारी हर्बल गार्डन को विकसित करने के लिए पतंजलि योग पीठ को लीज पर दिये जाने की संस्तुति हुई थी। जिसे क्रियान्वयन करने के निर्देश वनमंत्री द्वारा दिये गये तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के उप कुलपति आचार्य बालकृष्ण से अपेक्षा की गयी कि इस हर्बल गार्डन को उत्तराखण्ड में जड़ी-बूटी की उपलब्ध लगभग 18 हजार प्रजातियों के टेम्परेट गार्डन के रूप में विकसित किया जाय ताकि जड़ी-बूटी से जुडे़ काश्तकार अपने क्षेत्र के अनुकूल वातावरण के अनुसार पैदा होने वाली जड़ी-बूटी की पौध को हर्बल गार्डन से प्राप्त कर आमदनी को बढ़ा सकें। उन्होंने इस कार्य में अधिक-अधिक स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ने की अपेक्षा की। इस सम्बन्ध में प्रभागीय वनाधिकारी नरेन्द्र नगर प्रस्ताव तैयार करेंगे। वन मंत्री ने कहा कि जड़ी-बूटी उत्पादन   युवाओं का पलायन रोकने का बेहतर संसाधन हो सकता है। उनका मानना था कि जड़ी-बूटी के संरक्षण एवं संवर्द्धन से रोजगार के अवसर सृजित होंगे साथ ही पर्यटन गतिविधियाँ भी बढं़ेगी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव डाॅ0 रणवीर सिंह, जायका प्रोजैक्ट के मुख्य परियोजना निदेशक/प्रबन्धक निदेशक ईको टूरिज्म अनूप मलिक, अपर सचिव वन डाॅ0 धीरज पाण्डेय, निदेशक राजाजी पार्क अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *