सीएम हेल्पलाइन पर तय समय में शिकायतों का निस्तारण नही करने वाले अधिकारीयों को चिन्हित कर कमिश्नर गढ़वाल मंडल और कमिश्नर कुमाऊं मंडल ने समीक्षा बैठक में जिलाधिकारियों को कार्यवाही करने के निर्देश दिए!

देहरादून 18 अक्टूबर, 2019(हि. डिस्कवर)
त्रिवेंद्र सरकार ने जनता की समस्याओं के समाधान के लिए सीएम हेल्पलाइन टॉल फ्री नंबर 1905 जारी किया था, जिस पर घर बैठे कोई भी अपनी शिकायत और सुझाव दर्ज करवा सकता है इसी क्रम में मुख्यमंत्री उत्तराखंड त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अति महत्वाकांक्षी सीएम हेल्पलाइन 1905 योजना के सबंध में कमिश्नर गढ़वाल मंडल रविनाथ रमन ने गढ़वाल मंडल के सभी 7 जिलों और कमिश्नर कुमांऊ मंडल राजीव रौतेला ने कुमाऊं मंडल के सभी 6 जिलों के जिलाधिकारियों और जनपद स्तर के अधिकारिओं  से वीडिओ कांफ्रेंस में माध्यम से समीक्षा बैठक ली।

इस बैठक में  अब तक आईं कुल शिकायतों और उनके निस्तारण व गुणवत्ता पर जिला अनुसार सभी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गयी। डिजिटल इंडिया को साकार करती हुई सीएम हेल्पलाइन 1905 में इनर्फोमेशन  टेक्नोलॉजी के माध्यम से पेपरलेस तकनीक को उपयोग किया गया है जिससे शिकायत कर्ता को कागज़ द्वारा शिकायत दर्ज कराने की आवश्यकता नही है .शिकायत टोल फ्री नंबर 1905 या सीम हेल्पलाइन उत्तराखंड वेबसाइट पर घर बैठे ही दर्ज करायी जा सकती है। अधिकारी भी शिकायतों का निस्तारण पेपरलेस तकनीक का उपयोग करके ऑनलाइन ही निश्चित समय अवधि में करा रहे हैं!

उत्तराखंड प्रदेश के 3500 अधिकारियों को अगस्त और सितम्बर माह में सीएम हेल्पलाइन में आ रही शिकायतों के निस्तारण के लिये मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों में ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इस हेल्पलाइन की मदद से शिकायतों का चार चरण तक निस्तारण होना है। शिकायतकर्ता अगर पहले चरण की जांच से संतुष्ट न हो तो उसे अगले चरण में भेज दिया जाता है। अधिकारियों को निर्देश गए हैं की सीएम हेल्पलाइन मोबाइल एप अपने फ़ोन में इंस्टाल कर लें और प्रत्येक दिन मोबाईल एप या वेबसाइट पर जन शिकायत देखें और उनका त्वरित निस्तारण करें ।
बैठक में बताया गया की सीएम हेल्पलाइन की प्रत्यके माह मंडल आयुक्त स्तर पर अनिवार्य रूप से सभी जिलों की समीक्षा बैठक की जायेगी। अब इस बैठक के बाद शीघ्र ही मुख्यमंत्री भी प्रदेश के समस्त सचिव, विभाग अध्यक्ष और जिला अधिकारियों की सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा बैठक लेंगे। इस बैठक में शिकायतों के निस्तारण के अनुसार प्रत्येक जिले और विभागों की रैंकिंग की जायेगी। जो अधिकारी लापरवाह पाये जायेंगे उन पर कार्यवाही की जायेगी और बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को मुख्यमंत्री द्वारा पुरुस्कृत किया जायेगा

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