सियासत से इतर इस बड़ी पहल का तह ए दिल से इस्तेकबाल।

★सियासत से इतर इस बड़ी पहल का तह-ए-दिल से इस्तेकबाल★
(पत्रकार अजय रावत की कलम से)
पिछले 50 बरस का इतिहास देख, यकायक यकीन तो नहीं होता लेकिन आज गढ़वाल के उस सपने को माननीय मुख्यमंत्री श्री Trivendra Singh Rawat जी(Trivendra Singh Rawat News) व माननीय वन मंत्री डॉ Harak Singh Rawat, Harak Singh Rawat जी के संकल्प के फलस्वरूप पंख लग गए हैं। दो तिहाई क्षेत्रफल पौड़ी जनपद में होने के बावज़ूद कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व से इस जनपद को सिर्फ और सिर्फ दुश्वारियां व वन्दिशें ही मिलीं। बफर जोन में स्थित तैडिया पाण्ड जैसे गांवों के बाशिंदों को दर बदर होना पड़ा, इसके विपरीत रामनगर को अंतरराष्ट्रीय पहचान तो मिली ही हज़ारों लोगों के लिए यह रिज़र्व आर्थिकी का जरिया भी बन गया। अन्यथा न लें, इसे क्षेत्रवाद और सियासत के चश्मे को उतार देखें तो इस रिज़र्व का फायदा पौड़ी गढ़वाल को मिलना ही चाहिए था। सियासत से हटकर मौजूदा हुकूमत के इस फैसले का जोरदार स्वागत किया जाना चाहिए और यह भी तय है कि इस नए प्रवेश द्वार के खुलने के बाद पहले की अपेक्षा अधिक संख्या में सैलानी कॉर्बेट का दीदार कर सकेंगे और रामनगर पर सैलानियों का अधिक दबाव होने के कारण मायूस होने वाले सैलानियों को भी एक अतिरिक्त विकल्प भी मिलेगा।

दिल्ली से कोटद्वार की दूरी मात्र 200 किमी होने के कारण सैलानियों की संख्या में इज़ाफ़ा होगा, जिससे वन महकमें व सरकार के खजाने को भी फायदा मिलेगा। और यदि यह पहल सफलतापूर्वक अपने उद्देश्य में सफल हुई तो कोटद्वार और पौड़ी जनपद की आर्थिकी को अकल्पनीय उन्नयन मिलना तय है।

नए तरह के दर्जनों कारोबार शुरू होंगे जो हज़ारों प्रत्यक्ष व परोक्ष रोजगार सृजित करने में सहायक होंगे। मसूरी, देहरादून, हरिद्वार और चारधाम आने वाले पर्यटक भी आसानी से कॉर्बेट का दीदार करने को वक़्त निकाल सकेंगे जो कोटद्वार ही नहीं कण्वाश्रम से पौड़ी -ख़िरसू तक पर्यटन के नए पड़ावों के विकास में अहम भूमिका निभाएगा। हम सभी को सियासत के चश्मे को उतार इस पहल का हृदय की गहराईओं से अभिनन्दन करना चाहिए। बाबा सिद्धबली से प्रार्थना है कि यह मुहिम खूब फले फूले .. नमस्कार।

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