समाज सेवियों ने बदबू मारते शहर की सफाई का जिम्मा उठाया।

देहरादून 16 मई 2018 (हि. डिस्कवर)
जब विपक्षी राजनीतिक दल सफाई के मामले में सफाई कर्मियों के साथ धरने पर हों और सरकारी तंत्र चलाने वाला दल खामोश तो समझ लेना चाहिए कि यह जरूर किसी कूटनीति या राजनीति के तहत उठाया जा रहा कदम है।

यहां समझना ये होगा कि मेयर विनोद चमोली का कार्यकाल पूरा होते ही ऐसा हो क्या ग्याया कि सब सफाई कर्मी हड़ताल पर चले गए और ऐसा भी क्या हो गया कि पूरे राजधानी क्षेत्र में अब तक सरकार ने इन 18 सालों में एक भी कूडानिस्पादन मशीन नहीं खरीदी जो स्वयं कूड़ा उठाकर डंपिंग यार में ले जाती है जहां उसे अन्य मशीन रिसाइकल करके खाद में तब्दील करती है।
शायद ये राजनीतिज्ञ भूल गए हैं कि अब सोशल साइट पर ऐसी कई तकनीक आये दिन दिखाई जाती है जिससे हर नागरिक यह भले से जनता है कि सिर्फ सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से शहर कूड़े के ढेर में तब्दील नहीं हो सकता।
अब खुद जब सफाई का जिम्मा स्वयं कई क्षेत्र वासियों ने खुद उठाना शुरू कर दिया है तब न उधर कोई राजनीति करने वाला फटक रहा है न नगर निगम का पार्षद। क्योंकि ये सब भले से जानते हैं कि सिर्फ अपना ही कुर्ता फड़वाने के लिए वहां उपस्थिति दर्ज करने जैसी बात होगी लेकिन  सालावाला पार्षद भूपेन्द्र कठैत और सालावाला विकास समिति उपाध्यक्ष संजय मल्ल ने सफाई अभियान अपने क्षेत्र की गंदगी बर्दास्त नहीं कर सके व क्षेत्रवासियों के सा सालावाला स्वच्छ भारत अभियान चलाना शुरू कर दिया। देखादेखी में आम लोगों ने भी उनके साथ जुड़ना शुरू कर दिया है और अगर ऐसा ही रहा तो हो न हो सफाई कर्मचाररियों के साथ मेयर के चुनाव की दावेदारी पेश करने वाले प्रत्याक्षियों के मंसूबों पर भी पानी फिर जाय।
सालावाला  के पार्षद संजय कठैत व सालावाला विकास समिति के उपाध्यक्ष संजय मल्ल ने लोगों से अपील की है कि आगामी 17 मई 2018 को सुबह 5 बजे सालावाला यशवंत मॉडर्न स्कूल पुल में होगा सामूहिक
सफाई श्रम दान अभियान में सब बढ़ चढ़कर योगदान दें ताकि यह संदेश राजधानी क्षेत्र के हर वार्ड तक जा पहुंचे।

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