शशि भूषण मैठाणी ने दिखाया चमोली जिला प्रशासन को आइना! जिलाधिकारी को आनन-फानन लेना ही पड़ा निर्णय!
शशि भूषण मैठाणी ने दिखाया चमोली जिला प्रशासन को आइना! जिलाधिकारी को आनन-फानन लेना ही पड़ा निर्णय!
देहरादून 1 मई (हि. डिस्कवर)
जिलाधिकारी का रुतवा और हनक क्या होती है यह दिखाने की कोशिश में खुद जिलाधिकारी चमोली को अब सोचना पड़ रहा होगा कि सामाजिक मूल्यों की कीमत क्या होती है. अपनी हनक में मदमस्त जिलाधिकारी चमोली ने यूथ आइकन के पत्रकार शशि भूषण मैठाणी पारस की एक प्रार्थना पर गौर करने की जगह उनकी उलटी एलआईयु जांच करवा दी. जांच में सब कुछ ठीक ठाक मिलने के बाद डीएम साहब अभी सुस्ताये भी नहीं थे कि शशि ने उन्हें पुन: सम्बन्धित प्रकरण पर पत्र लिख अपनी इच्छा जताई लेकिन जिलाधिकारी भला यह कहाँ सुनते! उन्हें लगा कि आम व्यक्ति की हैसियत ही क्या होती है.
मजबूरन शशि ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को पत्र लिखकर सम्बन्धित प्रकरण की जानकारी साझा की लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा भी इसे गंभीरता व सजगता से न उठाये जाने पर आखिर शशि ने प्रेस कांफ्रेस से बात बात रखी. मीडिया में खबर छपते ही जहाँ जिला प्रशासन चमोली के हाथ पाँव फूल गए वहीँ आनन फानन जिलाधिकारी को मीडिया के समुख अपना पक्ष रखना पड़ा लेकिन उसमें भी वे सही साबित नहीं हुए.
क्या कहते हैं शशि भूषण मैठाणी पारस सुनिए उन्हीं की जुबान एक ऐसी दास्ताँ जिसे सुन मानवता भी शर्मसार हो जाय-
लो जी हो गया DM चमोली विनोद कुमार सुमन के झूठ का भंडाफोड़ । एक IAS का इतना बड़ा झूठ ! सरकार को तुरन्त इस अधिकारी पर कठोर से कठोर कार्यवही करनी चाहिए ।
दरअसल मैंने चमोली जनपद के गौचर में लावारिश हालत में घूम रही महिला की मदद स्वयं के खर्चे पर करनी चाही और 20 मार्च को DM को फोन किया व 21 मार्च को लिखित पत्र दिया कि मैं इस महिला को देहरादून अपना घर नाम की संस्था में लाना चाहता हूं जहां यह महिला सुरक्षित रह सकेगी और जैसे कि आशंका जताई गई है कि महिला गर्भवती भी है तो ऐसे में जच्चा बच्चा दोनों की यहां पर ठीक से देखभाल हो सकेगी ।
मैने इस गैरजिम्मेदार अधिकारी को यह भी बोला व लिखकर दिया था कि अपना घर संस्था में महिला आयोग की सचिव सुश्री मनिन्द्री मंद्रवाल जी की ओर व्यवस्था कर ली गई है । लेकिन DM साहब जब मैं इस महिला को गौचर से देहरादून अपने साथ लाऊंगा तो उस वक़्त आप मुझे एक महिला व एक पुरुष पुलिस कांस्टेबल की व्यवस्था कर सहयोग करें तो इन संवेदनहीन साहब का जबाब था कि अगर कोई लीडर इस महिला को ले जाता है तो मुझे परेशानी नही है और अगर कोई अन्य व्यक्ति भी बिना मेरी जानकारी के इसको ले जाता है तो मुझे परेशानी नही लेकिन आप ले जाओगे तो मैं आपकी जांच करवाऊंगा और साहब ने उल्टा मेरी ही जांच बैठा दी और आज 40 दिन बीत जाने पर भी जनाब महिला को सुरक्षा न दे सके फिर मुझे मीडिया के सामने मामले को लाना पड़ा ।
आप लोग भी गौर कीजिए कि इस अधिकारी ने कल सारे मीडिया को बताया कि उक्त महिला उनके जनपद में नहीं बल्कि श्रीनगर मतलब पौड़ी में है । मैंने फिर आशंका जताई मीडिया के मार्फत कि अब महिला की जान को भारी खतरा हो गया है । उसके साथ कोई अनहोनी हो सकती है ।
और आज महज कुछ घंटों में DM चमोली के झूठ का पर्दाफाश हो गया है । मैं आभारी हूँ नगर पालिका अध्यक्ष संदीप रावत जी बबलू भाई व नगर पंचायत अध्यक्ष गौचर श्री मुकेश नेगी जी के अलावा चमोली में अपने मीडिया के साथियों व CMO विराज शाह जी का जिन्होंने इस अभियान में मेरी मदद की और कल रात ये 108 की मदद से उक्त पीड़ित महिला को मेरे द्वारा बताए गए स्थान जनपद चमोली के गौचर से जिला चिकित्सालय गोपेश्वर ले गए जहां उसका उपचार शुरू हो गया है । और मजेदार बात ये कि DM के नाक के नीचे जिला चिकित्सालय में महिला पहुंच गई और इन साहब को पता ही न चल सका । क्योंकि साहब झूठ जो बोलते हैं अब देखते हैं आज ये DM कौन सा नया झूठ मीडिया के सामने रखते हैं ।
अनुरोध करता हूँ CM त्रिवेन्द्र रावत जी से की इस अधिकारी को तत्काल उस जिले से हटाया जाए और उक्त मामले में इस अधिकारी की भूमिका की जांच भी की जाय ।
आप सबके संज्ञान में एक बात लाना चाहूंगा कि मुझे अंदेशा है कि अब DM दबाव देकर CMO से उक्त महिला का मेन्टल सर्टिफिकेट न बनावा दे और उसके बाद उसे ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत कर पागलखाने भी भिजवा सकते हैं । यह मैं इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि कल से चमोली जिला प्रशासन लगातार मेरे संपर्क में है और वह एक ही बात की रट लगाए हुए हैं कि पहले इसका सर्टिफिकेट बनाना ही । जबकि मैं मानता हूं कि यह महिला पागल नही है बल्कि यह किसी सदमें में है इसे हिंदी और गढ़वाली नही आती है ।
मैं देहरादून से दो बार अपनी पत्नी को लेकर इसके पास गौचर जा चुका हूं । इसने हमें अपने पास ईशारों से बैठने को कहा । दिए गए फल अंगूर और संतरे को सामान्य तरीके से वह पहले साफ कर के और संतरे के रेशे उतार कर खा रही थी । बहुत भोली और मासूम सी है । बैठने वाली जगह पर अपने चप्पल व कपड़े बहुत ही क़रीने से रखे थे ।
प्लीज आप लोग मदद करें मुझे पूरा यकीन है कि यह महिला आपदा का शिकार हुई है । और यह साऊथ की है ऐसा मुझे प्रतीत होता है ।
क्या कहते हैं इस प्रकरण पर अखबार-