शराब फैक्ट्री भाजपा काल की नहीं बल्कि कांग्रेस काल की देन- विधायक देवप्रयाग
देवप्रयाग 7 जुलाई 2019 (हि. डिस्कवर)

विगत कुछ दिनों से हिल टॉप नामक एक व्हिस्की की बोतल देवप्रयाग उत्तराखण्ड निर्मित सोशल साइट पर खूब छाई हुई है जिसके साथ भाजपा के वर्तमान देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी की फोटो चस्पा कर विपक्षियों ने उन पर निशाना साधना शुरू कर दिया है, साथ ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार को भी आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया है, लेकिन सघन पड़ताल से तो मामला कुछ और ही निकला।
भाजपा के देवप्रयाग विधायक विनोद रावत से दूरभाष पर जब बात हुई तो उन्होंने कहा कि उनके भी संज्ञान में यह बात आई है कि मैसर्स विन्देश्वरी एक्सिम प्राइवेट लिमिटेड के नाम से उनके विधान सभा क्षेत्र डडुवा-भंडाली में लगाया गया यह बोटलिंग प्लांट भाजपा के कार्यकाल में नहीं बल्कि कांग्रेस के हरीश रावत मुख्यमंत्री काल में 30 जून बर्ष 2016 में यहां स्थापित की गई थी जिसकी जानकारी वे पत्र लिखकर अपनी सरकार को भी दे चुके हैं।
उन्होंने बताया कि इस डिस्टलरी के यहां लगाए जाने की अनुमति स्वयं ग्रामीणों द्वारा एनओसी में हस्ताक्षर कर दे चुके हैं इसलिए कानूनन इस पर कुछ पाना सम्भव नहीं है लेकिन बिना जानकारी के सोशल साइट पर मुझे लपेटा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा इस मामले में करे कोई और भरे कोई जैसी बात से उन्हें दु:ख पहुंचा है। बेवजह मेरा नाम घसीटा जाना तर्कसंगत नहीं है।
वहीं सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि देवप्रयाग सहित पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में गढ़वाल मंडल में तीन डिस्टलरी यूनिट की मंजूरी क्रमश: सतपुली, देवप्रयाग व थत्यूड़ में दी गयी है। वहीं दूसरी ओर डढ़वा-भंडाली देवप्रयाग के ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें यहां फैक्टरी लगाने से पहले यह बताया गया था कि यहां सरकार पीने के पानी का प्लांट लगाने जा रही है इसी कारण यहां के लोगों ने कागजों में हस्ताक्षर कर एनओसी दे दी।
आपको बता दें कि यहां सिर्फ शराब की पैकिंग व बोटलिंग हो रही है, यह शुद्ध रूप से बोटलिंग प्लांट है लेकिन हिल टॉप बोतल के रैपर में इस पर डिस्टलरी छपा होना संदेह पैदा करता है, जबकि यह शराब बाहर से लाई जाती है और उसकी पैकिंग यहां होती है। इससे प्रदेश सरकार को एक फायदा यह है कि उसको टैक्स मिल जाता है साथ ही कुछ अन्य को रोजगार भी। बहरहाल इस खबर से सोशल साइट की उन खबरों को विराम मिलेगा जिसमें वर्तमान सरकार व वर्तमान विधायक को दोषी समझा जा रहा है जबकि यह प्लांट कांग्रेस शासनकाल में मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार व तत्कालीन विधायक मंत्री प्रसाद नैथानी की देन है।