विदाकोटि….जहां सीता माता को लक्ष्मण यति ने अंतिम विदाई दी थी।

(बिट्टू प्रदान की कलम से)

पौड़ी गढ़वाल अलकनंदा तटिय क्षेत्र के पावन स्थल सीता विदा मंदिर। यह स्थान विदाकोटि के नाम से भी प्रसिद्ध है। वैसे इस पौराणिक स्थल का नाम कुछ और है और उसका उल्लेख श्री श्री कविंद्रनाथ भट्टाचार्य जी द्वारा रचित केदारखंड में है। इसी मार्ग से होकर जगत जननी सीता माता पैदल चलकर भू समाधि लेने फल की वाड़ी (फलस्वाड़ी) पंहुची थी।

कहा जाता है इसी स्थान पर सीता जी को लक्ष्मण जी ने चरण स्पर्श कर अंतिम विदाई थी इसिलिए स्थल का नाम सिताविदा पड़ा, लेकिन गुप्त रूप से महाराजा दशरथ की दत्तक पुत्री शांता सीता के पीछे इसी मार्ग पर चलती रही कुछ दिन विकास खंड कोट के पूर्व प्रमुख स्व० सुंदरलाल बाबुलकर जी के पैतृक गाँव मुछियाली में भी सीता जी के प्रवास के प्रमाण मिलते हैं। आज भी बाबुलकर लोग माँ सीता को अपनी कुल देवी के रूप में पूजते हैं। जब सीता मुछियाली से फलस्वाड़ी के हरे-भरे उपवन में भू-समाधि लेने पंहुची तो इसी वजह से उस क्षेत्र का नाम सीतावनस्यूँ पड़ा और जब सीता समाधि ले रही थी तो और उसका पूरा शरीर भूमि के आगोश मे जा चुका था तब शांता ने उसके बालों की धौंपेली पकड़ कर उसको बाहर निकालने की कोशिस की लेकिन तब तक सीता जी तो भूमि में समाहित हो चुकी थी। जगत जननि सीता के धौंपेली (चुटिया) के बाल शांता के हाथों में रह गये। तभी से मंसार के दिन बावड़ (बबल्या) की धौंपेली को प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाता है।

विकास खंड कोट के प्रथम क्षेत्रपंचायत प्रमुख परम श्रद्धेय स्व० सुंदर लाल बाबुलकर जी के पुत्र आदरणीय प्रभाकर बाबुलकर जी के संज्ञान में ये भी डालना चाहता हूँ। इस मार्ग का पौराणिक एवं धार्मिक महत्व को समझते हुए अपने पौड़ी विधान सभा के यशस्वी विधायक मुकेश कोली ने अपनी इन सभी पौराणीक स्थलों को सीता माता सर्किट फलस्वाड़ी से जोड़ दिया है। निकट भविष्य में इस मार्ग पर गंगा की दिव्य नगरी से फलस्वाड़ी तक एक पैदल यात्रा का आयोजन किया जाना है जिसमें स्वयं मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, विधायकगण एवं प्रमुख सचिव पर्यटन सचिव शामिल होंगे।

कय्यास ये भी लगाये जा रहे हैं कि इस यात्रा में उच्चकोटि के संत एवं उत्तरप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो सकते हैं। आदरणीय बाबुलकर जी मुछियाली गाँव के अलकनंदा तट पर घाट निर्माण के लिए भी माननीय विधायक जी ने धन आवंटित कर दिया है वहाँ पर भी शानदार रामजानकी घाट बनेगा। मुछियाली विधायक मुकेश कोली का पैतृक गाँव भी है। ये सीता माता सर्किट के लिए विधायक जी ने दिन-रात अथक प्रयास किया और उनकी मेहनत रंग लायी। निकट भविष्य में इस विशाल एवं पावन योजना का निर्माण कार्य भी शुरू हो जायेगा।…सीतासैण सेतू के लिए तो माननीय विधायक मुकेश कोली ने पूर्व में ही वित्तीय स्वीकृति करवा दी थी जिसके लिए उन्हें साधुवाद।

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