वितीय बर्ष का 70 प्रतिशत बजट योजनाओं पर खर्च! मुख्यमंत्री संतुष्ट..!
देहरादून 12 फरवरी 2018 (हि. डिस्कवर)
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में वर्तमान वित्तीय वर्ष के अन्तर्गत वित्तीय स्वीकृति के सापेक्ष हुए व्यय एवं संचालित कार्यक्रमों की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने बजटीय प्राविधान के सापेक्ष जारी वित्तीय स्वीकृति के विरूद्ध जनवरी, 2018 तक हुए 70 प्रतिशत व्यय पर संतोष व्यक्त करते हुए वर्ष के अन्त तक निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति हेतु सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिये है। 

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने निर्देश दिये कि केन्द्र पोषित, वाह्य सहायतित् व अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये कलेण्डर तैयार किया जाए तथा इसके अनुसार निर्धारित अवधि में कार्य न करने वाले अधिकारियों को चिन्ह्ति कर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। ऐसे लापरवाह अधिकारियों की चरित्र पंजीका से भी इसे जोड़ने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि योजनाएं अपने निर्धारित अवधि के भीतर पूरी हो जाए इसका ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि हमारा वन क्षेत्र 71 प्रतिशत होने के बावजूद वन उपजो से होने वाली आय काफी कम है। इस दिशा में भी प्रभावी प्रयास किये जाए तथा कार्ययोजना तैयार की जाए। लीसा की नीलामी समय पर किये जाने के प्रति भी ध्यान देने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। उन्होंने जंगलों को आग से बचाने के लिये फायर लाइन पर राम बांस व आग न पकड़ने वाले पौधों के रोपण पर भी ध्यान देने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सीमान्त जनपदों के साथ ही अन्य नदियों में जहां ट्राउट मछली पैदा होती हो, इसकी भी कार्ययोजना बनायी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में कहां पर कौन सी मछली बहुतायत में हाती है, ऐसे स्थानों का चिन्ह्किरण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागाध्यक्षों को योजनाओं के क्रियान्वयन में आपसी तालमेल पर ध्यान देने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि जो सड़के लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार कर ली गयी है, उन्हें परिवहन विभाग भी संस्तुति प्रदान करें ताकि उनमें वाहनों आदि का संचालन हो तथा उसका लाभ आम जनता को मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी, लोक निर्माण विभाग एवं परिवहन विभाग सड़को का संयुक्त रूप से निरीक्षण करना भी सुनिश्चित करें। इसी प्रकार सड़क निर्माण के समय पेयजल, विद्युत, दूरसंचार आदि विभाग भी अपने कार्यों की सूचना लोक निर्माण विभाग को दें ताकि सड़क बनने के बाद उसे नुकसान न पहुंचे। उन्होंने डिवाइडरों पर मिट्टी की सतह को बरकरार रखने के भी निर्देश दिये ताकि वहां पर पेड़-पौधों को आकार लेने में आसानी हो सके। उन्होंने शहरों में पैदल चलने वालो के लिये भी जगह बनाये जाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने सभी इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुखों को यह भी निर्देश दिये है कि वे भी निर्माण कार्यों के इंडेक्स के लिये काॅम्प्रिहेन्सिव शैड्यूल रेट तैयार करें। उन्होंने परिवहन विभाग को इंफोर्समेन्ट कार्यो में और गति लाये जाने के लिये 10 वाहनों के क्रय करने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य की आय से जुडे अन्य विभागों को भी संसाधन उपलब्ध कराये जाए। उन्होंने आय के संसाधनों में वृद्धि के उपायो पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल से सम्बंधित विभिन्न योजनाओं का भी व्यापक सर्वे किया जाए कि कितनी योजनायें बनी तथा कितने स्रोत बन्द हो गये है। इसके लिये ग्राम पंचायतों व पेयजल विभाग की संयुक्त मैनेजमेंट कमेटी गठित की जाए। इसमें भविष्य की योजनाओं को भी सम्मिलित किया जाए। जिन जल स्रोतों का सोर्स फाॅरेस्ट एरिया है, वहां पर वन विभाग ट्रेंचेज व वृक्षारोपण पर ध्यान दें। वृक्षारोपण से जुड़े सभी विभाग भी आपसी समन्वय के साथ इसमें सहयोग करें।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, डाॅ.रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, आनन्द वर्द्धन, श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव डाॅ.भूपेन्द्र कौर औलख, अमित सिंह नेगी, नितेश झा, आर.मीनाक्षी सुन्दरम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।