वाह रे सरकार…! एनएच -74 के 300 करोड़ के घोटाले के सस्पेंड अधिकारी पुनः बहाल!
वाह रे सरकार…! एनएच -74 के 300 करोड़ के घोटाले के सस्पेंड अधिकारी पुनः बहाल!
(मनोज इष्टवाल)
राजनीति इसे ही कहते हैं यहाँ कौन कब अलाद्दीन बन जाय और कौन कब उसका चिराग कुछ नहीं कहा जा सकता! एक ओर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने मुआवजा घोटाले में एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर 300 करोड़ के घोटाले में संलिप्त तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. पंकज पांडे व आईएएस अधिकारी चन्द्रेश यादव को सस्पेंड कर दिया था लेकिन अब डिपार्टमेंट ऑफ़ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के चीफ सेक्रेटरी राधा रतूड़ी ने चन्द्रेश यादव को बहाल करने के आदेश जारी कर दिए हैं! इसके पीछे कौन से कारण रहे इस बात की तो जानकारी बाहर खुलकर नहीं आ पाई लेकिन एनएच-74 भूमि घोटाले पर दो आईएएस अधिकारियों के सस्पेंशन के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का खौफ जरुर शासन प्रशासन के अधिकारियों के अंदर पैदा हो गया था! अब जीरो टोलरेंस पर काम कर रही त्रिवेंद्र सरकार चंद्रेश यादव की बहाली के बाद पुनः बैकफुट पर आती दिखाई दे रही है! यह तय मानिए कि चन्द्रेश यादव किन अपर्याय कारणों से बहाल किये गए अगर वे कारण मीडिया में सार्वजनिक नहीं हुए तो सीधी अंगुली त्रिवेंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर उठेगी!
आपको बता दें कि साल 2011 से लेकर साल 2016 तक मीडिया में नेशनल हाईवे -74 में भूमि अनियमततायें लगातार छनकर आ रही थी जो बाद में 300 करोड़ तक का लैंड स्कैम माना गया और इस स्कैम में दर्जनों अधिकारियों को जेल की सजा तक भुगतनी पड़ी है! जानकार सूत्रों के अनुसार चंद्रेश यादव ने सरकार को अनुरोध पत्र भेजकर भारतीय सेवा नियमावली का हवाला देते हुए कहा था कि सेवा शर्तों के मुताबिक़ कोई भी सरकार किसी आईएएस अधिकारी को एक माह से अधिक समय तक सस्पेंड नहीं रख सकती अत: उनका सस्पेंशन वापस लिया जाय! और यही कारण भी रहा कि सस्पेंड चल रहे चन्द्रेश यादव पर अभी तक क्या जांच प्रक्रिया चली उसका खुलासा भी नहीं हो पाया इसलिए नियमानुसार बिना दोष तय हुए सरकार के पास और कोई आप्शन भी नहीं था कि उन्हें लम्बे समय तक सस्पेंड रख सके!
जानकारी के अनुसार चन्द्रेश यादव की बहाली के बाद अब डॉ. पंकज पांडे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमानत की अर्जी दाखिल की है जिस पर जिला जज एवं न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण नरेंद्र दत्त के कोर्ट में आज सुनवाई होनी थी! खबर लिखने तक अभी इस सम्बन्ध में कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पायी है!
ज्ञात होकि डॉ. पांडे उधमसिंहनगर के राष्ट्रीय राजमार्ग घोटाले में निलंबित चल रहे हैं। उन पर आरोप है कि उधमसिंह नगर जिला में बतौर जिलाधिकारी रहते हुए उनके कायार्काल में दस्तावेजों में हेराफेरी करके राजमार्ग के लिये अधिग्रहीत भूमि का भू उपयोग बदला गया है। किसानों की कृषि भूमि को पिछली तिथि में व्यावसायिक दिखाकर मुआवजा का खेल किया गया।
आपको बता दें कि जिलाधिकारी उधम सिंह नगर रहते हुए चन्द्रेश यादव ने ही इस पूरे घोटाले का खुलासा किया था ! नेशनल हाइवे-74 भूमि अधिग्रहण के मुआवजे में हुए घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश तत्कालीन डीएम चंद्रेश यादव ने की थी। दरअसल, चार साल से यह खेल चल रहा था। कार्यभार ग्रहण करने के बाद जब जिलाधिकारी यादव के संज्ञान में मामला आया तो उन्होंने 16 अक्टूबर को मामले की जांच अपर जिलाधिकारी नजूल को सौंपी थी। उसके बाद उन्होंने ही बीती एक मार्च को पूरे प्रकरण की रिपोर्ट बनाते हुए आयुक्त को भेजे पत्र में उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की। साथ ही इसकी प्रतिलिपि शासन को भी भेजी थी।