वरिष्ठ पत्रकार पुरषोत्तम असनोड़ा को पड़ा दिल का दौरा। हैलीकॉप्टर से एम्स लाये जाएंगे ।

देहरादून 12 अप्रैल 2020 (हि. डिस्कवर)

राज्य आंदोलनकारी व वरिष्ठ पत्रकार पुरुषोत्तम असनोड़ा को तब गैरसैण में दिल का दौरा पड़ गया, जब उन्होंने सुना कि उनकी पुत्री श्रीमती गंगा असनोड़ा थपलियाल की सासू श्रीमती सुशीला थपलियाल को हार्ट अटैक पड़ा है व वे फोर्टीज हॉस्पिटल में भर्ती हैं।

नैनीताल समाचार के सम्पादक राजीव लोचन शाह ने बताया कि उन्हें श्रीनगर से इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने आनन-फानन पहले नैनीताल सांसद अजय भट्ट को व फिर भाजपा के केंद्रीय मीडिया प्रवक्ता व सांसद अनिल बलूनी जी को सतीश लखेड़ा जी के माध्यम से जानकारी दी।

सतीश लखेड़ा ने बताया कि हां उन्हें राजीव लोचन शाह, अरुण कुकसाल, श्रीमती कमला पन्त, श्रीमती निर्मला बिष्ट ने दूरभाष पर जानकारी प्रेषित की थी जिसकी सूचना उन्होंने फौरन अनिल बलूनी जी को दी। अनिल बलूनी जी ने इसे बेहद गम्भीरता से लेते हुए मुख्य सचिव से सम्बंधित प्रकरण पर बात की। अनिल बलूनी जी के बाद उन्होंने गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, सांसद प्रदीप टम्टा को भी फोन किया । उन्होंने कहा कि पुरुषोत्तम असनोड़ा प्रथम पांत के राज्य आंदोलनकारी हैं व साथ ही ऐसे विलक्षण पत्रकार भी जिन्होंने न सिर्फ राज हित में कलम उठाई बल्कि कई आंदोलनों में शिरकत भी की है। उन्होंने कहा कि प्रदीप टम्टा जी का वापस उन्हें फोन आ गया था व उन्होंने भी आश्वस्त करवाया कि वे इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री जी को जानकारी देंगे।

वरिष्ठ पत्रकार पुरुषोत्तम असनोड़ा की पुत्री व रिजनल रिपोर्टर पत्रिका की सम्पादक श्रीमती गंगा असनोड़ा ने दूरभाष पर जानकारी साझा कर कहा कि जब उन्होंने अपनी सास माँ की हार्ट अटैक की जानकारी अपने पिताजी से साझा की तो उन्हें भी हर्ट अटैक पड़ गया। यह मेरे लिए बहुत कठिन घड़ी है क्योंकि सासु माँ फोर्टीज अस्पताल में भर्ती हैं और अब पिताजी को लगभग 11 बजे गैरसैण से एम्स लाया जा रहा है। मैं अभी देहरादून से ऋषिकेश एम्स के लिए निकल रही हूं।

ज्ञात हो कि पूर्व में गंगा असनोड़ा के ससुर वरिष्ठ पत्रकार/साहित्यकार उमाशंकर थपलियाल व पति भवानीशंकर थपलियाल की मृत्यु एक ही दिन दिल का दौरा पड़ने से हुई थी।

बहरहाल इस महामारी में जनप्रतिनिधियों का साझा प्रयास जिनमें प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर भाजपा के केंद्रीय मीडिया प्रवक्ता अनिल बलूनी, सांसद प्रदीप टम्टा व नैनीताल सांसद अजय भट्ट शामिल हैं ने आपसी संवाद कायम कर त्वरित कार्यवाही कर उत्तराखंड प्रशासन से समय पर यह पहल करवाकर एक राज्य आंदोलनकारी के स्वास्थ्य की चिंता कर इसे मूर्तरूप दिया। जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई त्वरित पहल प्रशंसनीय कही जा सकती है।

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