लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में मीडिया अन्य स्तम्भों का आंख कान- मदन कौशिक

देहरादून 28 मई 2018 (हि. डिस्कवर)

पत्रकारिता आज के दौर में मिशन के साथ प्रोफेशन से जुड रही है। प्रिन्ट और इलैक्ट्रानिक मीडिया रोजगार के अवसर उत्पन्न कर रही है। यह बात नगर विकास मंत्री  मदन कौशिक ने सहस्त्रधारा रोड पर एक दैनिक समाचार पत्र के प्रान्तीय कार्यलय उद्घाटन अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि प्रिन्ट और इलैक्ट्रानिक मीडिया के लिए चलाये जा रहे पाठ्यक्रम ने पुरानी धारणा को बदल दिया है, जिसके अनुसार पत्रकारिता में रोजगार के अवसर नही है।
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लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में आज मीडिया अन्य स्तम्भों के लिए आँख और कान बना हुआ है। संविधान की अनुच्छेद 19 (1) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में ही मीडिया की व्याख्या की जाती है। लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ के रूप में संविधान में अलग से कोई अध्याय अथवा भाग नही है। परन्तु संविधान की अनुच्छेद 19 (1) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अत्यधिक महत्व मिलने लगा है। मीडिया को आज संविधान के संरक्षक की भूमिका में देखा जा सकता है। आज कोई भी संस्था मीडिया की अनदेखी नही कर सकता है। यह मीडिया की ताकत है कि सरकार को ऐसी भी कार्यवाही करने के लिए मजबूर कर देता है जो कि सामान्य तरीके से सम्भव नही है। आज जब नागरिक को किसी भी संस्था से राहत नही मिलती है, तो वह न्यायपालिका या मीडिया की तरफ अपना मुख करता है। मीडिया  अन्य संस्थाओं को सही मार्ग पर चलने के लिए मजबूर करता है।

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