लॉक डाउन का औद्यानिकी और नर्सरी गतिविधियों पर पड़ सकता है।

(जे. पी. मैठाणी)

भारत सरकार द्वारा आज 15 अप्रैल 2020 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश संख्या 40-3/2020 – डी.एम.-आई (ए) के अनुसार सभी केंद्र शासित प्रदेशों एवं राज्य सरकारों के लिए नये दिशा निर्देश जारी किये गये हैं जो आगामी 3 मई तक जारी रहेंगे। उत्तराखण्ड में वर्तमान में खेती बाड़ी के कार्य चल रहे हैं उससे सम्बन्धित दिशा निर्देश पृष्ठ संख्या -2 के बिन्दु 6 के उपबिन्दु ए, बी, सी, डी में निम्नलिखित प्रावधान किये गये हैं।

पृष्ठ संख्या 2 पर बिंदु संख्या -6 में कृषि और उससे जुडी गतिविधियों जैसे बिंदु A के अंतर्गत –
1-खेती के कार्य जो किसान या खेतिहर मजदूर करते हैं उन पर कोई रोक नही है जैसे हल लगाना , बीज बुवाई , फसल कटाई आदि .
२- जो एजेंसियां कृषि उत्पाद खरीदती हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने के कार्य चलेंगे उन पर कोई रोक नहीं है .
३- APMC द्वारा संचालित मंडियां और satellite मंडियां भी सभी राज्य और केन्द्रशासित प्रदेशों में किसान और किसान समूहों – सहकारिताओं से ग्राम स्तर पर भी अनाज खरीदेंगी !
4- कृषि के औजार, स्पेयर पार्ट्स , उनकी रिपेयरिंग की दुकाने भी खुली रहेंगी
5- बीज – खाद कीटनाशक की सप्लाई और उत्पादन भी होता रहेगा !

बिंदु-B के अंतर्गत प्लांटेशन-
1-चाय , कॉफ़ी और रबर के पौधों का रोपण 50% मजदूरों के साथ जारी रहेगा !
इसके अलावा – मत्स्य पालन, मुर्गी पालन , डेरी और उनसे सम्बंधित गतिविधिया जारी रहेंगी !

नई गाईडलाइन में नर्सरी और नर्सरी सम्बन्धी कार्यों, औद्यानिकी और फल बाग-बगीचों के प्रबंधन के साथ-साथ फूलों की नर्सरियों और सजावटी पेड़-पौधों की एग्रो एक्टिविटी के बारे में अलग से कुछ भी दिशा-निर्देश नहीं दिये गये हैं। जिसका प्रतिकूल प्रभाव औद्यानिकी और नर्सरी गतिविधियों पर पड़ सकता है। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार से उत्तराखण्ड की इंडियन नर्सरी एसोसिएशन ने आग्रह/मांग की है कि उद्यान और नर्सरी गतिविधियों के लिए 50 प्रतिशत मानव श्रम के साथ अनुमति दी जाए।

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