रियल स्टेट नियामक प्राधिकरण के गठन से जमीन व आवास खरीददारों को मिलेगा रियल स्टेट व्यवसाइयों की ज्यादती से राहत! कठोर दंड के साथ तीन साल की हो सकती है जेल!
रियल स्टेट नियामक प्राधिकरण के गठन से जमीन व आवास खरीददारों को मिलेगा रियल स्टेट व्यवसाइयों की ज्यादती से राहत! कठोर दंड के साथ तीन साल की हो सकती है जेल!
देहरादून २ मई (हि. डिस्कवर)
केंद्र सरकार द्वारा रियल स्टेट (विनियमन और विकास) अधिनयम 2016 को अब राज्य सरकारें भी लागू करने लगी हैं जो राज्यों में रियल स्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) के नाम से 30 अप्रैल 2017 तक लागू किये जाने थे जिसे उत्तराखंड सरकार द्वारा विगत 28 अप्रैल 2017 को ही अपने राज्य में लागू करवा दिया था.
इस बात की जानकारी देते हुए काबीना मंत्री व राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अधिनयम की धरा 84 के अंतर्गत लागू किया गया है. जिसमें 60 दिन के अंदर यह प्राधिकरण रियल स्टेट सम्बन्धी वाद निबटाएगा. उन्होंने कहा कि अब तक रियल स्टेट के क्षेत्र में काम कर रहे व्यवसाइयों में ज्यादातर ये शिकायतें मिलती रही हैं कि ये व्यवसायी पैंसा लेकर आवास या जमीन हैण्डओवर नहीं कर रहे हैं. ऐसे में ग्राहक अदालत का दरवाजा खटखटाता था और बर्षों तक केश लड़ता था लेकिन रियल स्टेट नियामक प्राधिकारण ऐसे में ग्राहक के पक्ष में 60 दिन में अपना फैसला देगा और व्यवसायी यदि दोषी पाया गया तो भारी अर्थ दंड के साल उसे तीन साल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है.
क्या है रियल स्टेट नियामक प्राधिकरण इस सम्बन्ध में निम्नवत पत्रावली की समरी देखिये-