राज्य का उद्योग क्षेत्र इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है-मुख्यमंत्री

देहरादून 5 सितम्बर (हि.डिस्कवर)
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में इंडस्ट्री एसोसिएशन आॅफ उत्तराखण्ड के साथ डेवेलपमेंट रोड मैप आॅफ उत्तराखण्ड के सम्बन्ध मे बैठक की गयी। बैठक में, उत्तराखण्ड के विकास के लिये बहुत से बिन्दुओं पर चर्चा की गयी साथ ही इंडस्ट्री एसोसिएशन की ओर से कई सुझाव दिये गए। मुख्यमंत्री  ने कहा कि राज्य को विकसित करने के लिये हमें राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों को विकसित करना होगा। हमें इसके लिये जिला स्तर पर अघ्ययन कराने की आवश्यकता है जिससे यह ज्ञात हो सके कि इस क्षेत्र में क्या कार्य किया जा सकता है। यह जानकारी प्राप्त होने के बाद हम वहाँ के युवा को प्रशिक्षित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री एसोसिएशन द्वारा दिये गए कुछ सुझाव बहुत ही अच्छे हैं जिन्हें अमल में लाया जा सकता है। राज्य का उद्योग क्षेत्र इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है। इसके लिये इंडस्ट्री एसोसिएशन द्वारा एक डिमांड सर्वे कराया जाए, ताकि हमें क्षेत्रवार डिमांड का पता चल सके। जिसके अनुरूप जिलेवार पाॅलिसी तैयार की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रत्येक माह की आखिरी कैबिनेट के बाद उद्योग एसोसिएशन के साथ भी बैठक रखी जाए ताकि उस बैठक में सभी मंत्रीगण भाग ले सकें। बैंकों के साथ समन्वय बनाने के लिये जिला स्तर पर एक समिति गठित की जाए। उद्योगों को आमंत्रित करने के लिये काॅमन फैसिलिटी सेंटर विकसित किये जाएं ताकि उद्योगों को सभी सुविधाएँ एक जगह पर मुहैया हो सकें। मुख्यमंत्री ने एक लैंड बैंक तैयार करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि जिलों में फूड प्रोसेसिंग यूनिट का विकास किया जाना चाहिए।
इंडस्ट्री एसोसिएशन के सुझाव की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों को उनकी योग्यता एवं रूचि के अनुसार वोकेशनल टेªनिंग उपलब्ध करायी जा सकती है। इसके लिये शिक्षण संस्थानों का भी प्रयोग किया जा सकता है। साथ ही, इसके लिये वर्चुअल क्लासरूम्स का प्रयोग भी किया जा सकता है। राज्य में रक्षा उपकरणों के निर्माण हेतु डिफेन्स प्रोडक्ट पार्क स्थापित किये जा सकते हैं।
कैबिनेट मंत्री  प्रकाश पंत ने कहा कि हमें प्राथमिक क्षेत्र को विकसित करके ही राज्य का विकास किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसी एक गाँव से एक व्यक्ति का चयनित करके, उस व्यक्ति को उस क्षेत्र के अनुसार विशेष प्रशिक्षण दिया जा सकता है ताकि इसे सेंटर आॅफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा सके। अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश ने कहा कि यदि इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन द्वारा निर्माण सामग्री में मेंटरशिप उपलब्ध कराता है तो एमएसएमई इसमें फैसिलिटेटर की भूमिका निभा सकता है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव  डी. सेंथिल पांडियन, अपर सचिव पंकज कुमार पाण्डेय एवं अध्यक्ष इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आॅफ उत्तराखण्ड पंकज गुप्ता भी उपस्थित थे।

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