राज्यपाल ने सचिव स्वास्थ्य से डेंगू की स्थिति की जानकारी ली। अधिक से अधिक निःशुल्क एवं प्रामाणिक जांच की व्यवस्था की जायः राज्यपाल

   राजभवन देहरादून 18 सितम्बर, 2019(हि. डिस्कवर)

राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने सचिव स्वास्थ्य नितेश झा और महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ0 आर.के.पाण्डेय को राजभवन बुलाकर प्रदेश में डेंगू की स्थिति और अब तक की गयी कार्यवाही की जानकारी ली। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने निर्देश दिए कि डेंगू पीड़ितों का पूरा ध्यान रखा जाय और उनके उपचार में कोई कोताही न बरती जाय। डेंगू टेस्ट के लिए निजी पैथालाॅजी लैबों में लिए जाने वाले शुल्क और उनकी जांच रिपोर्ट की गुणवत्ता पर पूरी नजर रखी जाय। उन्होंने सरकारी स्तर पर अधिक से अधिक निशुल्क जांच केन्द्र स्थापित करने अथवा निशुल्क जांच की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होने निजी लैब की जांच रिपोर्ट में डेंगू पाए जाने पर उसका स्थापित मानदंडों के अनुरूप सत्यापन करने के निर्देश भी दिए जिससे लोगों में अनावश्यक भय और चिंता का माहौल न बने। यह देख लिया जाय कि डेंगू की जांच एलाइजा टेस्ट से हुई है जिससे किसी भी संदेह की गंुजाइश न रहे।       

राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि डेंगू से बचाव के तरीकों और डेंगू हो जाने की स्थिति में उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों की जानकारी लोगों को नियमित दी जाय। रोगियों और उनके परिजनों से अच्छा संवेदनशील व्यवहार रखा जाय। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और प्रशासन की टीमें पूरा समन्वय बनाकर काम करें।      

सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने राज्यपाल श्रीमती मौर्य को बताया कि स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक रोगी के स्वास्थ्य के प्रति सजग है व सभी भर्ती रोगियों के स्वास्थ्य पर निरन्तर निगरानी रखी जा रही है। डेंगू के निदान तथा रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। इस वर्ष डेंगू रोग के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए जनपद देहरादून में 03 व जनपद नैनीताल में 01 अतिरिक्त निशुल्क डेंगू म्स्प्ै। जांच केन्द्र क्रियान्वित किया गया है।

उन्होंने कहा कि मा. राज्यपाल के निर्देश के क्रम में अतिरिक्त 12 नये जांच केन्द्र भी स्थापित किये जा रहे हैं जहाँ निःशुल्क जांच की व्यवस्था होगी। वर्तमान में देहरादून में 04(दून चिकित्सालय, कोरोनेशन, गांधी शताब्दी व एस0पी0एस0ऋषिकेश), हरिद्वार में 01(मेला चिकित्सालय), नैनीताल में 02(मेडिकल काॅलेज, बेस चिकित्सालय), ऊधमसिंहनगर में 01(जिला चिकित्सालय)व पौडी में01(जिला चिकित्सालय) जांच केन्द्र संचालित है। डेंगू जांच सुविधा को और सुदृढ़ बनाने के लिए शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर रक्त नमूने एकत्रित किये जाने तथा इनकी संदर्भित प्रयोगशालाओं में निःशुल्क जांच की व्यवस्था की गई है।  

नितेश झा ने बताया कि जनपद देहरादून में विभाग द्वारा 60 हजार से भी ज्यादा घरों में, लगभग 3 लाख की आबादी में घरों में जाकर डेंगू के लार्वा पनपने के स्थानों को नष्ट किया गया तथा लोगों को  जागरूक किया गया। जनपद देहरादून में पुलिस विभाग, सिविल डिफेंस, शिक्षा एवं स्वयं सेवी संस्थानों से समन्वय बनाते हुए 100 टीमें बनाकर घर-घर जाकर डेंगू रोग को रोकने व जन जागरूकता की कार्यवाही की जा रही है।      

जनपद नैनीताल के डेंगू प्रभावित हल्द्वानी शहरी एवं मोटाहल्दू क्षेत्र में विभाग द्वारा 326 आशा, 41 एन0एन0एम, 23 आशा फैसीलीटेटर, 2 ब्लाॅक आशा कोर्डिनेटर एवं 10 सुपरवाईजर की टीमें बनाकर इन्दिरानगर, जवाहर नगर, बनफूलपुरा, डहरिया एवं उत्तरउजाला क्षेत्रों के 36320 घरों में जाकर डेंगू के लार्वा पनपने के स्थानों को नष्ट कर लोगों को जागरूक किया गया। इसके अतिरिक्त अन्य प्रभावित जनपदों जैसे हरिद्वार एवं ऊधमसिंहनगर में भी समस्त आशा कार्यकत्रियों, ए0एन0एम, नगर निगम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीमों एवं अन्य वालन्टियर की टीमों द्वारा कार्य किया जा रहा है।        

सचिव झा ने अवगत कराया कि जनपद देहरादून एंव जनपद नैनीताल में डेंगू रोग के बढ़ते हुए प्रभाव को देखते हुए दोनों ही जनपदों में दो-दो अतिरिक्त अपर मुख्य चिकित्साधिकारियों की नियुक्ति की गई है। राज्य में राजकीय एवं निजी/चैरिटेबल ब्लड बैंक की प्रति दिन 635 यूनिट प्लेटलेट्स तैयार करने की क्षमता है (राजकीय चिकित्सालयों के ब्लड बैंक की प्रति दिन 275 यूनिट प्लेटलेट्स एवं निजी/चैरिटेबल ब्लड बैंक की प्रति दिन 360 यूनिट प्लेटलेट्स) जो किसी भी प्रकार की आवश्यकता को भली-भांति पूर कर सकता है। सभी मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती है और कुछ ही मरीजों में गंभीर लक्षण होने पर चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है। अभी तक भर्ती एवं गंभीर मरीजों में केवल 8 प्रतिशत को प्लेटलेट्स देने की आवश्यकता आयी है।

वर्तमान में 1 जनवरी, 2019 से देहरादून में 2098, हरिद्वार में 104, नैनीताल में 958, पौड़ी में 12, टिहरी में 15, ऊधमसिंहनगर में 72, अल्मोड़ा में 8, चंपावत तथा रूद्रप्रयाग में एक-एक डेंगू के प्रकरण दर्ज हुए हैं। प्रदेश में डेंगू से अभी तक कुल 05 लोगों की मृत्यु हुई है। पूरे प्रदेश में अस्पतालों में 315 आइसोलेशन बेड उपलब्ध हैं। 

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