राज्यपाल ने की राष्ट्रीय पोषण अभियान शुरूआत की।

 राजभवन देहरादून/हरिद्वार  24 सितम्बर, 2019(हि. डिस्कवर)
             

उत्तराखण्ड की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने ज्वालापुर जनपद हरिद्वार में राष्ट्रीय पोषण अभियान की शुरूआत की। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखण्ड़ द्वारा आज पोषण अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने उपस्थित गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं को स्वंय और बच्चों को सही पोषण और देखभाल की शपथ दिलायी। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।  विभागीय मंत्री श्रीमती रेखा आर्या जी विशिष्ट अतिथि रही।             

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 08 मार्च 2018 को राष्ट्रीय स्तर पर अभियान की शुरूआत होने के बाद देशभर में राज्य स्तर और जनपद स्तर पर देश में कुपोषण के विरूद्ध अभियान चलाया जा रहा है। पोषण अभियान का उद्देश्य जन्म से 06 वर्ष के बच्चों में अल्प पोषण और कम वजन भार को 2 प्रतिशत की दर से प्रतिवर्ष कम करना, साथ ही 06 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों तथा 15 से 49 वर्ष की किशोरियों एवं महिलाओं में 03 प्रतिशत की दर से रक्त अल्पता को कम करना है। 

राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य द्वारा अपने उद्बोधन में देश के भविष्य को ध्यान में रख कर सभी से महिलाओं और बच्चों के पोषण के प्रति गंभीरता से धरातल पर कार्य करने की अपील की। उन्होंनें कहा कि जनप्रतिनिधि हों या अधिकारी सभी अपने स्तर पर इस अभियान को निरंतर सफलता की ओर ले जायें। उन्होंने कहा कि अपने-अपने जनपद और क्षेत्र में चिन्हित, कुपोषित, अति कुपोषित बच्चे को गोद लेकर खुद के बच्चों की तरह उसकी देखभाल करें और उसका पोषण करें। उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि आज यह छोटे बच्चे हमारे कल की पूंजी हैं, इन्हें स्वस्थ और तंदुरूस्त बनाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आंगनबाड़ी पर दिये जाने वाला पोषाहार अवश्य खिलायें।

उन्होंने सभी को पॉलीथिन को समाप्त करने के लिए अपनी पुरानी परम्पराओं को अपनाने तथा घर से कपड़े का थैला बाजार लेकर जाने के लिए प्रेरित किया। श्रीमती मौर्य ने कुपोषित बच्चों की सूचनाओं और देखरेख से सम्बधित विभाग की ओर से बनाये गये निगरानी पटल का अनावरण किया तथा सभी को कुपोषण से पोषण की ओर ले जाने की शपथ दिलायी।           

कैबिनेट मंत्री कौशिक ने बच्चों और महिलाओं से संबंधित इस विषय के महत्व को गंभीरता से लेने की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता में न केवल राज्य सरकार के प्रतिनिधि अपितु सभी को अपना योगदान देना चाहिए। कोई भी अपने आस-पास, कमजोर कुपोषित बालक देखकर तुरंत उसका पंजीकरण नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र में करायें। ‘‘ आपके इतना कर देने मात्र से इस अभियान से बदलते भारत में आपका सहयोग परिलक्षित होगा’’।         

महिला सशक्तिकरण मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने कहा कि गर्भावस्था का पता चलते ही संबंधित महिला का तथा कुपोषित बच्चे का पंजीकरण आंगनबाड़ी केंद्र में कराया जाय। ‘‘यही देश सेवा ओर मातृ सेवा होगी। लोग युवा और स्वस्थ भारत के निर्माण में प्रधानमंत्री के सहयोगी बने’’।

महिला सशक्तिकरण एव बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती सौजन्या ने बताया कि कुपोषण मुक्ति के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु पूरे राज्य में माह सितम्बर को पोषण माह के रूप मे मनाया जा रहा है। पोषण माह के अन्तर्गत राज्य मे गांव स्तर तक विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं, जिसमे मुख्य रूप से गर्भवती महिलाओं की गोद भरायी, छः माह के उपरान्त बच्चों को अर्द्धठोस आहार के लिए प्रेरित करने के लिए अन्न्प्राषन, सम्पूर्ण स्तनपान की जानकारी, स्थानीय खाद्यानों व पौष्टिक आहार पर चर्चा तथा स्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ मिलकर रैली आदि शामिल है। इस कार्यक्रम को पूरे राज्य में एक जनआन्दोलन के रूप में चलाया जा रहा है, जिसमें राज्य के सभी आयु वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।

इसी के अन्तर्गत ’अम्मा की स्मृतियों से’ कार्यक्रम में गांव की बुजुर्ग महिलाओं को शामिल कर स्थानीय खाद्यान्नो पर आधारित भोजन बनाने की जानकारी दिये जाने की जनसामान्य द्वारा सराहना की जा रही है।जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी सहित सभी जनप्रतिनिधियों ने एक-एक कुपोषित बच्चा गोद लेकर उसे पोषाहार वितरित किया तथा बच्चे के पूर्ण स्वस्थ्य होने तक उसकी जिम्मेदारी ली।

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