राज्यपाल ने किया श्रेष्ठ चित्रकला के लिये राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत 11 बच्चों को सम्मानित!
राजभवन देहरादून 20 अगस्त, 2019 (हि. डिस्कवर)
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को विशेष स्नेह, सहयोग व प्रशंसा की आवश्यकता है। दिव्यांग बच्चे प्रतिभा के धनी हैं, उन्हें कम करके नहीं आंका जाना चाहिये। केवल अपनी कल्पना व मन का इस्तेमाल करके दिव्यांग बच्चों ने सुन्दर चित्रकलाएं बनाई हैं। इनकी हिम्मत से ही देश की हिम्मत है। सामान्य बच्चों को भी प्रतिभाशाली दिव्यांग बच्चों से प्रेरणा लेनी चाहिये। राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने मंगलवार को राजभवन में भारतीय बाल कल्याण परिषद् द्वारा श्रेष्ठ चित्रकला के लिये राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत 11 बच्चों को सम्मानित किया। इन 11 बच्चों में 10 बच्चे दिव्यांग श्रेणी के हैं। इस अवसर पर कुमारी फरहाना, दीपक, कु0 समीक्षा, कु0 रितीका रावत, कु0 संध्या, कु0 कान्ता, कु0 सरीना, कु0 सुनीता, कु0 कौशल्या, अमन सिंह रावत, कु0 रश्मि को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर बच्चों को सम्बोधित करते हुये राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि बच्चों में शिक्षा के अलावा अन्य कलाओं व शिल्पों के प्रति रूचि होना भी जरूरी है। चित्रकला के माध्यम से बच्चे अपनी सुन्दर कल्पनाओं को साकार करते हैं। बच्चों की कल्पना शक्ति असीम व सुन्दर होती है। बच्चों में विभिन्न कौशल व कलाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। विशेषकर दिव्यांग बच्चों को अपनी शारीरिक व मानसिक सीमाओं का विस्तार करते हुए अपनी कल्पनाओं को साकार रूप देने के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि बच्चों को प्रोत्साहित करने का कार्य शिक्षकों व अभिभावकों दोनों को मिलजुल कर करना चाहिये। बच्चों को पर्यावरण संरक्षण व वृक्षारोपण में भी रूचि लेनी चाहिये। प्रत्येक बच्चा वृक्षारोपण में सक्रिय रूप से भागीदारी करें। बच्चे अपने आस-पास के वातावरण को प्लास्टिक से मुक्त बनाने का प्रयास करें। अपने स्कूल, घर, मोहल्ले को साफ रखने में योगदान दें।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड राज्य बाल कल्याण परिषद प्रतिवर्ष विभिन्न वर्गों के बच्चों के लिये राज्य भर में चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित करती हैं। विभिन्न आयुवर्ग में सामान्य के अलावा बहु-अक्षमता, मानसिक अक्षमता, दृष्टिबाधित व मूक बधिर बच्चे भी सम्मिलित होते है। आॅन स्पाॅट प्रतियोगिता में बच्चे विद्यालय, ब्लाॅक व जनपद स्तर से चयनित होकर राज्य स्तर पर भाग लेते हैं। बाल दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता राजभवन में आयोजित होती है। प्रत्येक वर्ग के प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों की पेंटिग्स राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय बाल कल्याण परिषद दिल्ली भेजी जाती है। जहां पर देश भर से संकलित पंेटिग्स का मूल्यांकन किया जाता है।
इस अवसर पर सचिव राज्यपाल रमेश कुमार सुधांशु, महासचिव उत्तराखण्ड बाल कल्याण परिषद श्रीमती पुष्पा मानस व सयुंक्त सचिव कमलेश्वर प्रसाद भटट्, वरिष्ठ उपाक्ष्यक्ष डाॅ आई एस पाल, उपाध्यक्ष श्रीमती मधु बेरी, कोषाध्यक्ष श्रीमती आशा श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।