यू के डी ने जो किया-अप्रत्याशित, सरकार के होश उड़े।
यू के डी ने जो किया-अप्रत्याशित, सरकार के होश उड़े।
(वरिष्ठ पत्रकार अनिल सती की कलम से)
गैरसैंण ऐतिहासिक बजट सत्र की शुरूआत में सदन के भीतर जहां कांग्रेस ने कमान संभाली हुई है वहीं बाहर उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) अप्रत्याशित रूप से एकाएक सामने आ गया।
कांग्रेस की रणनीति की बात करें तो ये पहले से ही ज्ञात था कि अपने मुट्ठीभर विधायकों के साथ ये सदन में सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी। सत्र के पहले दिन के पहले घंटे से ही कांग्रेस ने अपना काम भी शुरू कर दिया है। सबसे बड़े गर्माये मुद्दे गैरसैंण स्थायी राजधानी को कांग्रेस पूरी तरह भुनाने के मूड में हैं। लेकिन इसी दौरान कुछ ऐसा भी हुआ है जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। ये काम किया है उत्तराखंड के एकमात्र क्षेत्रीय दल यूकेडी ने। ये पहला मौका नज़र आया है जब यूकेडी किसी मांग को लेकर इतनी आक्राम हुई हो।
उत्तराखंड के गठन के बाद से ही प्रदेश का एकमात्र क्षेत्रीय दल यूकेडी अपने वजूद की तलाश में लगा हुआ है। हर चुनाव में मुंह की खा रहा ये दल खुद को स्थापित नहीं करने और मीडिया में सुर्खियों की वजह नहीं बन पा रहा था। खुद ही दो फाड़ से जूझ रही यूकेडी ने इस बार बड़ी ही सूझबूझ से खुद की ओर प्रदेश की पूरी मीडिया का ध्यान अपनी ओर केंद्रित कर लिया है।
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विधानसभा कूच
यूकेडी ने भराड़ीसैंण से होते हुए गैरसैंण विधानसभा पहुंचने के लिए सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कूच किया। इन्हे रोकने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात रही। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर कार्यकर्ताओं को विधानसभा पहुंचने से रोकने की कोशिश की। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई।
एस पी की गाड़ी भी रोकी:
पिछले कई घंटों से यूकेडी ने एक भी वाहन को भराड़ीसैंण से आगे बढ़ने नहीं दिया था। परिस्थिति को देखते हुए मौके पर पुलिस बल भी पहुंची। अब यूकेडी धरने से उठकर विधानसभा कूच की ओर आगे बढ गई है। यूकेडी का कहना है कि पिछले 17 सालों में किसी भी सरकार द्वारा गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। जबतक गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित नहीं किया जाता तबतक सरकार को पूरे प्रदेश में आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।