यूपी में चित हुई बसपा गुजरात में बीजेपी से दो-दो हाथ करने को तैयार, मायावती ने बनाई रणनीति

लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव में बुरी तरह शिकस्त खाई बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अब गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गयी है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने आज गुजरात राज्य में पार्टी संगठन की गतिविधियों व सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने से संबंधित कार्याे की समीक्षा की। गुजरात में इस वर्ष विधानसभा के आमचुनाव होने हैं. इसलिए उन्होंने पार्टी के लोगों को विशेष दिशा-निर्देश दिये।

गुजरात में दलितों की जनसंख्या कम 
मायावती ने कहा कि गुजरात में वैसे तो दलितों की जनसंख्या काफी कम है तथा उनकी राजनीतिक शक्ति ज्यादा नहीं है, लेकिन ऊना काण्ड के फलस्वरुप गुजरात के दलितों में अपने आत्म-सम्मान एवं स्वाभिमान के साथ-साथ जो राजनीतिक चेतना जगी है उससे वहाँ के दलितों, आदिवासियों तथा अन्य पिछड़ों का जीवन स्तर बदल कर और बेहतर किया जा सकता है।
गुजरात में दलितों एवं आदिवासी समाज की हालत दयनीय
बसपा के लोगों से गुजरात राज्य के राजनीतिक हालात का समुचित फीडबैक लेने के बाद मायावती ने कहा कि जिस प्रकार से मण्डल आयोग की सिफारिशों के तहत शिक्षा एवं सरकारी नौकरी के क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था करने के लिये पिछड़े वर्ग की लड़ाई लड़ी, उसी प्रकार आदिवासी समाज की लड़ाई को भी अपनी लड़ाई समझकर संघर्ष करना होगा तभी उनकी उपेक्षा व शोषण पर विराम लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गुजरात में खासकर दलितों एवं आदिवासी समाज तथा सर्वसमाज के अन्य गरीबों की हालत काफी दयनीय है। वहां भी बड़े-बड़े पूँजीपतियों और धन्नासेठों का बोलबाला है तथा सामाजिक ताना-बाना काफी बिगड़ा हुआ व विचलित करने वाला है। धार्मिक अल्पसंख्यकों में से खासकर मुस्लिम समाज के लोगों के साथ जबर्दस्त भेदभाव है तथा उन्हें इन्साफ किसी स्तर पर नहीं मिल पा रहा है।
बीजेपी को किया जा सकता है सत्ता से बाहर : माया 
मायावती ने कहा कि गुजरात के तमाम मजलूम आपसी भाईचारे के आधार पर एकजुटता पैदा करके विधानसभा के इसी वर्ष होने वाले चुनाव को लड़ते हैं तो भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

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