यमकेश्वर पोखरी की वह बेटी आज भी याद है- ऋतु खंडूरी
यमकेश्वर पोखरी की वह बेटी आज भी याद है- ऋतु खंडूरी
(मनोज इष्टवाल)
भाजपा की उत्तराखंड सरकार की पौड़ी जिले के यमेश्वर विधान सभा की विधायक ऋतु खंडूरी आज भी अपने विधान सभा क्षेत्र के पोखरी गॉव की उस बेटी को नहीं भुला पाई जिसने उन्हें पानी पिलाने से ही मना कर दिया . चुनाव प्रचार के दौरान जब ऋतु खंडूरी इस गॉव में पहुंची और प्यास से व्याकुल जब उन्होंने पानी पीने के लिए माँगा तो उस बेटी ने साफ़ सीधे शब्दों में मना कर दिया.
ऋतु खंडूरी कहती हैं कि उन्हें ही नहीं बल्कि उनके साथ गए कार्यकर्ताओं को भी यह बात बेहद अटपटी लगी क्योंकि यह गढ़वाल की पुरातन परम्परा के बिलकुल उलट था. वह कुछ कहती कि इस से पहले ही वह लड़की बोल पड़ी – आपको पानी पीना है न? तो चलिए मेरे साथ ..यहाँ से 4 किमी दूर है पानी का स्रोत ! जहाँ से इस गॉव के लोग पानी लाते हैं. वह आगे कहती हैं कि मैं इस बेटी की बात रखने के तरीके की कायल हो गयी यह बेटी एमए पास है. भले ही बाद में उसने एक लोटा पानी भी पिलाया लेकिन वह अभी तक मेरे जेहन में है कि वास्तव में एक जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनावी घोषणाओं तक ही सिमट कर रह जाता है या चुनाव के दौरान आई जनसमस्याओं को चुनाव जीतने के बाद भी याद रखता है.
ज्ञात हो कि यमकेश्वर विकास खंड का पोखरी गॉव पदमश्री रणवीर सिंह बिष्ट का गॉव है जहाँ पानी के लिए प्यासे लोग गर्मियों में यूँ ही सारा सारा दिन एक बंठा पानी के लिए सारा दिन बर्बाद करते हैं जबकि इसी गॉव की जमीन में सिंचाई हो रही है (जिसे बाबा रामदेव ने खरीदा है ) दुर्भाग्यजनक स्थिति यह है कि इस जमीन पर व्यवसाय करने वालों को इस गॉव के ग्रामीणों की प्यास नहीं दिखती है.
यह सचमुच पहला अवसर है जब किसी विधायक ने इस तरह जनता का मुद्दा खुलेआम किया हो वह भी तब जब वह पहली बार विधान सभा में चुनकर आता हो. ऋतु खंडूरी की कार्यशैली का अभी अनुमान लगाना निरर्थक है क्योंकि उनकी कार्यप्रणाली से पहले ही लोग उनका आंकलन उनके पिता मेजर जनरल भुवन चंद खंडूरी से करने लगते हैं. ऋतु खंडूरी का कहना है कि उनका पहला लक्ष्य है किसी भी तरह से यमकेश्वर विकास खंड के गॉवों में पेयजल सुविधा पहुंचाना. वह कहती हैं कि चुनाव के दौरान उन्होंने सिलोगी, गैंडखाल क्षेत्र में पेयजल की जो किल्लत महसूस की उसे वह कार्य योजना में शामिल करने जा रही हैं ताकि बर्षों से पेयजल के कारण हो रहा पलायन रुक सके और उनके विधान सभा के लोगों की यह मांग पूरी हो सके.