मोदी सरकार का बजट उम्मीदों और चुनौतियों के बीच संतुलन कायम करने का प्रयास करनेवाला
(ऊषा नेगी)
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मौजूदा सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं |इस बार बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान गांवों पर है ,और कहा कि ईज ऑफ़ डुइंग के के साथ -साथ सरकार का उद्देश्य ईज ऑफ़ लिविंग अर्थात् आम आदमी का जीवन भी सरल बनाना है |रोजगार ,शिक्षा और कृषि को अर्थव्यवस्था का आधार मानते हुए इन्हें बजट में विशेष महत्व दिया है |वित्त मंत्री ने बताया है कि आय बढ़ाने के तीन मुख्य स्रोत हैं |पहला स्रोत व्यक्तिगत आयकर का है |इसका मुख्य कारण नोटबंदी एवं जीएसटी लागु होना है जिसके कारण आयकरदाताओं की संख्या में भारी मात्रा में वृद्धि हुई |दूसरा स्रोत सरकारी कंपनियों के शेयरों की बिक्री से प्राप्त आय है |तीसरा स्रोत आयात करों में वृद्धि है |इन तीनों स्रोतों से प्राप्त हुई आय आय का उपयोग बुनियादी विकास पर खर्च किया जायेगा |
इस बजट का सबसे बड़ा फैसला 50 करोड़ लोगों तक स्वास्थ्य बीमा योजना को पहुंचाना है |सरकार ने किसानों की माली हालत सुधरने के लिए खरीफ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत के मुकाबले बढ़ाकर डेढ़ गुना करने की घोषणा की है |आयकर कानून में सरकारी झंझटों को समाप्त कर पूरे देश में ई -असेसमेंट सिस्टम अपनाया जायेगा जिससे सरकारी सिस्टम की कार्यकुशलता बढ़ेगी और
पारदर्शिता आएगी |बजट में स्मार्ट सिटी मिशन को सबसे अधिक महत्व दिया गया है |मिशन 2019 —उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शनों के लक्ष्य को सरकार ने बढ़ाकर पांच करोड़ से आठ करोड़ कर दिया है |छोटी कंपनियों को टैक्स में छूट मिलने के साथ -साथ निवेश के लिए अधिक धनराशी मिलेगी क्योंकि लघु और मध्यम उद्योग देश की प्रगति और रोजगार के प्रमुख वाहक हैं |हवाईअड्डों
की क्षमता को भी पांच गुना बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है |’उडान ‘योजना के अंतर्गत 56 हवाईअड्डों और 31 हेलीपैडों से उडान शुरू की जाएगी |नई ‘नभ निर्माण ‘योजना के अंतर्गत हवाईअड्डों की क्षमता पांच गुना से अधिक बढाई जाएगी |’भारतमाता ‘परियोजना के चरण -1 के अंतर्गत 35 हजार किमी सड़कों का निर्माण किया जायेगा |नये बजट में 600 रेलवे स्टेशनों के विकास का भी प्रावधान है |वित्त मंत्री ने बुनियादी संरचना में जो निवेश बढ़ाया है वह प्रसंशनीय है |उन्होंने किसानों की स्थिति सुधारने पर विशेष ध्यान दिया है और गरीबों के इलाज की चिंता भी की है |चुनावी दबाव के दौर में यह निश्चित रूप से बेहतर बजट है और इसके सकारात्मक असर दिखने की उम्मीद है |
यह बजट नौकरीपेशा वयक्तयो की उम्मीदो पर खरा नही उतरता है।