मैक्स में कोरोना वायरस का मरीज? क्या यह कमाई का जरिया था । दून मेडिकल कॉलेज ने घोषित किया फर्जी।
देहरादून 5 मार्च 2020 (हि. डिस्कवर)
यह तो हद ही है। एक राज्य की राजधानी में स्थित नामी हॉस्पिटल में एक मरीज चेकअप के लिए जाता है और उसे कोरोना के नाम से लूटने का यत्न होता है। कोई उस स्लिप को वायरल कर देता है। ऐसे में पूरी सरकारी मशीनरी सक्रिय होती है और उस व्यक्ति का दुबारा दून मेडिकल कॉलेज में चेकअप होता है तो रिपोर्ट फर्जी पाई जाती है।

घटनाक्रम में अपने को घिरता देख आनन फानन मैक्स प्रशासन खबर को झुठलाने का प्रयत्न करता है। फोन नहीं उठता तो शक गहराता है। सोशल साइट पर संज्ञान लेकर जब सरकारी मशीनरी सक्रिय होती है तो मैक्स प्रशासन के हाथ पांव फूल जाते हैं व लीपा-पोती शुरू हो जाती है।
सूत्र बताते हैं कि जिलाधिकारी मैक्स हॉस्पिटल जाकर इस घटना का संज्ञान लेकर फटकार लगाते हैं व चेताते हैं कि भविष्य में ऐसी घटना दुबारा न हो। वहीं दूसरी ओर राजकीय दून मेडिकल कॉलेज द्वारा फोरेंसिस मेडिसिन विभाग द्वारा कोरोना सम्बन्धी इस घटना की जांच को फर्जी पाया गया।
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने जानकारी देते हुए बताया कि जांच में कहीं भी कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) का मरीज दाखिल नहीं है।

ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि क्या प्रदेश के प्राइवेट सेक्टर के हॉस्पिटल कोरोना का आतंक पैदा करवाकर मरीज को लूटने का ठीक वैसा ही प्रयास कर रहे हैं जैसे पूर्व में डेंगू का आतंक पैदा किया गया था व हर मरीज को डेंगूग्रस्त बताकर इन हॉस्पिटल्स ने खूब लूट खसोट की।
बहरहाल मैक्स हॉस्पिटल ने आखिर 6:38 बजे कॉल उठाई और जबाब में कहा कि यह पूरी तरह से फेक खबर है और हॉस्पिटल में ऐसा कोई मरीज दाखिल नहीं है जो कोरोना वायरस ग्रस्त हो। लेकिन यह पूछे जाने पर की क्या यह पर्ची फर्जी है? इसका जबाब मिलता है कि सुबह मैं इसी नम्बर अर्थात 01351295555 पर मैनेजमेंट कॉल करूँ तभी सच्चाई जान सकते हैं कि यह पर्ची फर्जी है या नहीं।
फिलहाल इस सब प्रकरण का संज्ञान बेहद तेजी से लिया ग़या व राजकीय दून मेडिकल कॉलेज द्वारा पत्र जारी कर साफ किया गया कि फिलहाल कोरोना वायरस से संक्रमित कोई भी मरीज दाखिल नहीं है।