मेजर निराला के साथ अपनी वादियों में लौटते निशंक!
मेजर निराला के साथ अपनी वादियों में लौटते निशंक!
पौड़ी 29 अप्रैल (हि. डिस्कवर)
कहीं किसी सन्दर्भ को लेकर ग़ालिब ने खुद से खुद को कहा- ख़याल तो अच्छा है ग़ालिब! और यही शब्द जब आकर एक ऐसे राजनेता पर अटकते हैं जिसने धरातल से उठकर नभ को छुवा तो और भी जाता शानदार हो जाते हैं. यकीन जानिये जिस पौड़ी ने भारतीय राजनीति को डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक जैसा बेहद लोकप्रिय नेता दिया वही पौड़ी भूलने लगी थी कि डॉ. निशंक इसी थाती माटी के हैं. भूलना स्वाभाविक भी था क्योंकि मुख्यमंत्री बनने के बात उन्होंने पलटकर पौड़ी नहीं देखा और तो और पहाड़ छोड़कर हरिद्वार से सांसद जा बन बैठे.
इसमें पौड़ी वालों का ही बडप्पन है कि उनका बेटा इस स्थिति में तो है कि कहीं से भी चुनाव जीत सकता है. वहीँ अन्य जिस नेता ने भी मैदानी भू-भाग से चुनाव लड़ने की ठानी वह राजनीति की भाषा में जमींदोज हो गया .
डॉ. निशंक जैसा सहृदयी व वाकपटु नेता उत्तराखंड की राजनीति में हो ऐसा कम ही दिखने को मिला है लेकिन अपनों से दूर होते इस नेता के अपने सचमुच इनसे दूरियां बना बैठे हैं. जो लोग निशंक की एक झलक देखने को तरसते थे वही पीठ पीछे बातें बनाने में चूकते नहीं हैं.
आखिर ऐसा हुआ क्या कि अपनी जन्मभूमि को माथे का तिलक मानने वाले डॉ. निशंक ने राजनीति की पिच पर पहाड़ चढना छोड़ दिया. जिनके आवास पर पूरे पहाड़ का जमघट लगा रहता था. अब उसका प्रतिशत बहुत कम हो गया है. अपनों से छिटकते निशंक के प्रति अब लोगों के बीच पुन: चर्चाएँ होना सुखद आभास लगता है. वजह है उनकी किताब मेजर निराला!
मेजर निराला को लेकर उनकी बेटी आरुषी ने गढ़वाली फिल्म की शुरुआत की है. यह एक अच्छा सन्देश है कि आप उस समय गढ़वाली सिनेमा के बारे में सोचते हैं जब यहाँ का फिल्म उद्योग रसातल की ओर हो.
मूलतः मेजर निराला एक हिंदी उपन्यास है और डॉ. निशंक चाहते तो उस पर हिंदी फिल्म बना लेते लेकिन उनकी इस तरह की शुरुआत ने कहीं न कहीं लोगों की उस पीड़ा उस टीस को जीवन दे दिया है जिसमें पहाड़ीपन का समावेश है.
यह और भी सुखद है कि डॉ. निशंक अपनी बेटी की फिल्म के बहाने ही सही पौड़ी की इस भूमि पर तो पहुंचे जहाँ से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई है. गणेश वीरान के निर्देशन में बन रही यह फिल्म कब तक बनकर पूरी होगी कहा नहीं जा सकता लेकिन निशंक की यह पारी पहाड़ के लिए नयी शुरुआत होगी जिसका परिणाम जल्द ही दिखने को मिलेगा.