मुख्यमंत्री से हैं कर्मचारियों ये प्रश्न। क्या हल है सरकार के पास?

(मनोज इष्टवाल)

लगता है आरक्षण में प्रमोशन पर अब उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारी आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। एक ओर गैरसैण में बजट सत्र शुरू और दूसरी ओर कर्मचारियों ने हड़ताल को आधार बनाकर आरक्षण पर भी प्रमोशन की मुखाफलत करनी शुरू कर दी है।

सत्र के पहले ही दिन बिना आरक्षण पदोन्नति बहाल करने की मांग को लेकर उत्तराखंड जनरल-ओबीसी कर्मचारियों ने जमकर बवाल काटा। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों को पुलिस ने तुकमतासैंण और मालसी बैरिकेड पर रोकने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। इसके बाद कर्मचारियों ने दिवालीखाल पहुंचकर विधानसभा कूच का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस पर कर्मचारी राजमार्ग पर ही बैठ गए।

कर्मचारियों का कहना है कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश और कर्मचारियों के हड़ताल को आधार बनाकर शासनादेश के जरिये प्रमोशन में आरक्षण समाप्त कर दें । SC के 90% लोग बीजेपी को वोट नहीं देते बल्कि इनमें से 80% मुसलमानों के साथ मिलकर बीजेपी को हराने के लिये कांग्रेस या बसपा को Tactical Voting करते हैं ।

एक कर्मचारी नेता का कहना है कि डाक व तार विभाग से लेकर BSNL का राष्ट्रीय नेता रहा हूँ । इन विभागों में कांग्रेस व कम्युनिष्टों की ही यूनियने थी । दत्तोपंत ठेगडी और बड़े भाई रामनरेश जी के कहने पर हमने बीजेपी समर्थक संघ बनवाया था । बारह वर्ष पहले AGM BSNL Dehradun के पद से सेवानिबृत्त हुआ । मैंने इसके पूर्व प्रमोशन में आरक्षण के मामले में सुप्रीमकोर्ट का निर्णय आने पर मोदी जी को भी मोदी ऐप पर सलाह भेजी थी उसकी भी प्रति अवलोकनार्थ भेज रहा हूँ । उसे भी पढ़े और मुख्यमंत्री जी सलाह दें कि वे प्रमोशन में आरक्षण समाप्त करने का शासनादेश जारी करवायें । किसी घर में अगर एक कर्मचारी है तो उसी के कहने पर पूरा परिवार वोट देता है । यही लोग चुनाव के समय पक्ष या विपक्ष में माहौल बनाते हैं । बूथ पर 10% वोटको उसी समय प्रभावित करते हैं । अन्य जाति के लोग जानते हैं कि कांग्रेस हर तरह के आरक्षण को अनन्त काल तक जारी रखना चाहती है । उन्हें बीजेपी से ही आशा है । अगर प्रमोशन में आरक्षण नहीं हटा तो मुख्यमंत्री स्वयं का चुनाव तो हारेंगे ही बीजेपी की हालत 17 विधायक जीताने की भी नहीं रहेगी । बदले की भावना से लोग कांग्रेस को ही वोट दे देंगे । जहाँ जहाँ भी कांग्रेस जिन्दा होगी बीजेपी ही जिन्दा करेगी ।

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