मुख्यमंत्री से मिले श्री पुरिया नैथानी सेवा ट्रस्ट का शिष्टमंडल! जन्मोत्सव में शिरकत करने का दिया न्यौता!

देहरादून 10 अगस्त 2019 (हि. डिस्कवर)

विगत दिवस श्री पुरिया नैथानी सेवा ट्रस्ट के एक शिष्ट मंडल ने मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाक़ात कर उन्हें आगामी 22 अगस्त को ट्रस्ट द्वारा मनाये जा रहे वीर पुरिया नैथानी जन्मोत्सव में शामिल होने का न्यौता दिया है!

ट्रस्ट के शिष्ट मंडल द्वारा जानकारी दी गयी कि इस दौरान निर्मल प्रकाश नैथानी द्वारा मुख्यमंत्री को उनके द्वारा लिखित एक पुस्तक “वीर पुरिया उत्तराखंड का एक विस्मृत योद्धा” भेंट की जिसका आगामी 22 अगस्त को उनके जन्मोत्सव पर लोकार्पण होना है! वहीँ निर्मल प्रकाश नैथानी ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए हामी भर दी गयी है! उन्होंने पुस्तक के सन्दर्भ में ज्यादा कुछ जानकारी देने से मना कर दिया ! उनका कहना है कि पुस्तक के लोकार्पण के बाद ही उस पर प्रकाश डालेंगे तो ज्यादा अच्छा रहेगा!

उन्होंने बताया कि इस जन्मोत्सव समारोह में मुख्यमंत्री के अलावा शहर के मेयर सुनील उनियाल गामा, टिहरी राजवंश से ठाकुर भवानी प्रताप सिंह, वीर पुरिया नैथानी के विकास खंड के प्रमुख महेंद्र सिंह राणा व श्रीपुरिया नैथानी ट्रस्ट की मुख्य ट्रस्टी श्रीमती गोदाम्बरी नैथानी शिरकत करेंगी!

आपको जानकारी दे दें कि पुरिया नैथानी का जन्म आज से 371 बर्ष पूर्व पौड़ी गढ़वाल के विकास खंड कल्जीखाल, पट्टी- मनियारस्यूं के नैथाना गाँव में 22 अगस्त 1648 हुआ था! एक मामूली से ग्वाला ने अपने बल-बुद्धि कौशल के बदौलत न सिर्फ गढ़वाल राज्य में अपनी पहचान बनाई बल्कि गढ़वाल के राजा के सलाहकार के रूप में कई अद्वितीय लडाइयां भी लड़ी! बताते हैं कि उन्होंने अपनी अंतिम लड़ाई लगभग सौ बर्ष की उम्र में द्वाराहाट में लडी जिसमें वे बुरी तरह जख्मी हो गए थे व इस लड़ाई में सफलता हासिल करने के बाद गढ नरेश ने वहां पुरिया नैथानी के नाम से एक ऐसा सीमावर्ती किला बनवाया जो गोरखा आक्रमण तक अजय रहा ! वर्तमान में किला खंडहर में तब्दील हो गया है लेकिन आज भी उनकी कुलदेवी की वहां नैथाना देवी के रूप में पूजा होती है व उसका नैथाना गढ़ में बिशाल मंदिर अवस्थित है!

ज्ञात हो कि पुरिया नैथानी को गढवाल राज्य का चाणक्य कहा जाता है जिन्होंने अपनी कूटनीति व राजनीति क्षमता से तत्कालीन समय पर मुगल साम्राज्य के सभी करों को माफ़ करवा दिया था! यही नहीं कठैतगर्दी से भी गढ़राज्य को मुक्ति दिलाकर राजवंश की रक्षा की थी! निर्मल प्रकाश नैथानी ने बताया कि शिष्ट मंडल कांसखेत क्षेत्र के प्रबुद्ध व्यक्तित्व मनोहर सिंह रावत के नेतृत्व में मुख्यमंत्री से भेंट करने पहुंचा जिनमें संदीप नैथानी, सुरेश रावत, सुनील नैथानी इत्यादि शामिल थे!

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