मुख्यमंत्री योगी के ट्वीट के बाद पुलिस ने किए 221 पर मुकदमा। 17 पर रासुका के तहत मुकदमा दर्ज।
मुरादाबाद 16 अप्रैल 2020 (हि. डिस्कवर)
विगत बुद्धवार को मुरादाबाद जनपद में डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, सफाई अभियान से जुड़े अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर हमले की घटना में 10 पुरुष और 7 महिलाओं समेत 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि 221 खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर सूबे वासियों को संदेश दिया है कि ‘मुरादाबाद में पुलिस, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े कर्मियों पर हमला एक अक्षम्य अपराध है, जिसकी घोर निंदा की जाती है। ऐसे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी। दोषियों द्वारा की गई राजकीय संपत्ति के नुकसान की भरपाई उनसे सख्ती से की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी के ट्वीट के बाद जिला प्रशासन ने तेजी से कार्यवाही की। जिलाधिकारी व एसएसपी द्वारा चलाये गए संयुक्त अभियान के बाद पुलिस ने 221 के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके सात महिलाओं समेत 17 लोगों को गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने के मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में 10 पुरुष और 7 महिलाएं शामिल हैं। एक जानकारी के अनुसार छत्त से पत्थर फेंकने वाली दर्जनों महिलाएं चिन्हित की गई हैं। यह भी तय है कि रासुका के तहत गिरफ्तारी के बाद 6 माह तक जमानत होनी सम्भव नहीं है।

ज्ञात हो कि मुरादाबाद के थाना नागफनी क्षेत्र के 19 में से 17 लोग एक ही समुदाय के हैं जिन पर कोरोना वायरस संक्रमण पॉजिटिव है व इसी क्षेत्र के नवाबपुरा में हाजी नेब वाली मस्जिद निवासी कोरोना संक्रमित सरताज की दो दिन पहले मौत हुई थी। इससे पहले सरताज के बड़े भाई रौनक की मौत पांच अप्रैल को संदिग्ध हालात में हुई थी। उसकी जांच नहीं हुई थी। दोनों एक ही मकान में रहते थे। कुछ दिन पहले ही चेन्नई से लौटकर आए थे।
जिसे ही जिला प्रशासन को खबर मिली कि सरताज व उनके भाई की कोरोना वायरस संक्रमण से ही मौत हुई है तो जिला प्रशासन द्वारा विगत बुधवार को डॉ. सुधीश चंद्र अग्रवाल की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग की टीम सरताज के भाई रौनक के परिवार वालों को क्वारंटाइन कराने के लिए नवाबपुरा गई थी। उनके करीबियों को क्वारंटाइन करने के लिए दोपहर डाक्टर एससी अग्रवाल के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम हाजी नेब वाली मस्जिद पहुंचे। साथ में नागफनी थाने की लैपर्ड भी मौजूद थी। सरताज अली के करीबियों से बातचीत करके क्वारंटाईन करने के लिए जैसे ही एंबुलेंस तक लाया जा रहा था, इसी बीच महिलाओं के शोर मचाने पर जुटी भीड़ ने अचानक स्वास्थ्य टीम को निशाना बनाकर पथराव शुरू कर दिया जिससे डाक्टर एससी अग्रवाल, ईएमटी पंकज सिंह, चालक मुनिराज सिंह, फार्मासिस्ट संजीव समेत पांच लोग घायल हो गए।
बवाल की सूचना पर डीएम राकेश कुमार सिंह, एसएसपी अमित पाठक, एसपी सिटी अमित कुमार आनंद फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। बताया जा रहा है जब पुलिस सख्त हुई और पत्थर फेंकने वालों को ललकारा तो मामला शांत हुआ। पुलिस को लाठियां भी फटकारनी पड़ी।
घटना सूचना माध्यमों से जिसे ही प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंची। सीएम योगी ने इस मामले को संजीदगी से लिया है और उन्होंने एक के बाद एक दो ट्वीट किए उन्होंने लिखा- *”जिला पुलिस प्रशासन ऐसे उपद्रवी तत्वों को तत्काल चिन्हित करे और प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा के साथ ही उपद्रवी तत्वों पर पूरी सख्ती भी करें।*
घटना की जानकारी मिलने पर डीएम के साथ एसएसपी मौके पर पहुंचे। एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि जब मेडिकल टीम पहुंची तो 100-150 लोगों की भीड़ आई पथराव करके भाग गई जिसमें कई स्वास्थ्यकर्मी घायल हो गए। एसएसपी ने सख्त लहजे में कहा कि जिन लोगों ने ये हरकत की है उन पर कार्रवाई होगी। रासुका और सरकारी कार्य में बाधा डालने के तहत कार्रवाई तय है।
यह पहली घटना नहीं है जब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने महिलाओं को आगे करके पत्थरबाजी की रणनीति अपनाई। शायद ये लोग यह भूल गए कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है, जो कार्यवाही करने में एक पल की भी देर नहीं करती वरना आज उत्तरप्रदेश में आगजनी सहित जाने क्या क्या घटनाओं के हजारों मामले सामने होते। बहरहाल मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों का जिस सख्ती के साथ जिला प्रशासन ने पालन किया है उसकी पूरे क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है व लोगों का मानना है कि अपनी अपनी छत्तों से पत्थर बरसाने वाली अभी और भी कई पत्थरवीर महिलाओं की रासुका के तहत गिरफ्तारी तय है।
