मुख्यमंत्री ने बांटे मंत्रिमंडल को पोर्टफोलियो, अपने पास रखे लगभग 40 विभाग !

 मुख्यमंत्री ने बांटे मंत्रिमंडल को पोर्टफोलियो, अपने पास रखे लगभग 40 विभाग !
(मनोज इष्टवाल)
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने आखिर अपना पिटारा खोल ही दिया है. अपने सभी मंत्रियों को विभागों की जिम्मेदारी सौंपने के साथ अपने पास लगभग 40 विभाग उन्होंने रखे हैं.
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, लघु सिंचाई, बर्षा जल संग्रहण, जलागम प्रबन्धन, भारत नेपाल उत्तराखंड नदी परियोजना, पर्यटन, तीर्थाटन एवं धार्मिक मेले एवं संस्कृति विभाग, प्रकाश पन्त को संसदीय कार्य, विधायी, भाषा, वित्त, वाणिज्य कर, स्टाम्प एवं निबंधन, मनोरंजन कर, आबकारी, पेयजल एवं स्वच्छता, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग, डॉ. हरक सिंह रावत को वन एवं वन्य जीव, पर्यावरण एवं ठोस अपशिष्ट निवारण, श्रम, सेवायोजन, प्रशिक्षण, आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग, यशपाल आर्य को परिवहन समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, ग्रामीण तालाब विकास, सीमान्त क्षेत्र विकास, परिक्षेत्र विकास एवं प्रबन्धन, पिछड़ा क्षेत्र विकास विभाग, मदन कौशिक को शहरी विकास, आवास राजीव गांधी शहरी आवास, जनगणना, पुनर्गठन, एवं निर्वाचन विभाग अरविन्द पांडे को विद्यालयी शिक्षा, प्रौढ़ शिक्षा,संस्कृत शिक्षा, खेलकूद, युवा कल्याण एवं पंचायती राज विभाग, सुबोध उनियाल को कृषि, कृषि विपणन, कृषि प्रसंसकरण, कृषि शिक्षा, उद्यान एवं फलोद्योग, रेशम विकास विभाग जबकि दो राज्य मंत्रियों को क्रमश: रेखा आर्य को महिला कल्याण एवं बाल विकास, पशुपालन, भेड़ एवं बकरी पालन, चारा एवं चारागाह विकास, मत्स्य विकास विभाग राज्य मंत्री, डॉ. धन सिंह रावत को सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकॉल राज्यमंत्री का दायित्व सौंपा गया है वहीँ मुख्यमंत्री ने अपने पास 40 मंत्रालय रखे हैं जिनमे गृह, गोपन, कार्मिक एवं अखिल भारतीय सेवाओं का संस्थापना विषयक कार्य, सतर्कता, विधि एवं न्याय, सामन्य प्रशासन, सचिवालय प्रशासन, राज्य सरकार द्वारा न्यायिक/विधि क्षेत्र में नामंकन/नियुक्त्यियाँ, लोक निर्माण, ग्राम्य विकास, सूचना, ग्रामीण निर्माण विभाग, ग्रामीण सड़कें एवं ड्रेनेज, नागरिक उड्डयन, ऊर्जा, वैकल्पिक ऊर्जा, चिकित्सा सेवाएँ, चिकित्सा शिक्षा, परिवार कल्याण, आपदा प्रबंधन, राजस्व एवं भू प्रबन्धन, सैनिक कल्याण, अर्द्ध सैनिक कल्याण, तकनीकी शिक्षा, नियोजन, बाह्य सहायतित परियोजना, कारागार, नागरिक सुरक्षा एवं होमगार्ड, पर्वतीय ग्रामों में चकबंदी, औद्योगिक विकास, लघु माध्यम एवं सूक्ष्म उद्योग, खाड़ी ग्रामोद्योग, खाद एवं नागरिक आपूर्ति, खाद प्रसंस्करण, सूचना प्रद्यौगिकी, विज्ञान प्रद्यौगिकी, एवं जैव प्रद्यौगिकी विभाग रखे हैं जिस से साफ़ तौर पर जाहिर हो रहा है कि मुख्यमंत्री की टीम ने विभाग आबंटन पर खाफी माथापच्ची की है.
हर मंत्री के मंत्रालय को बैलेंस करने की भले ही कोशिश की गयी है लेकिन कहीं न कहीं यह आभास तो हो ही रहा है कि कितनी बखूबी किसके कितने पर काटे हैं.
अब देखना यह होगा कि बजट सत्र की समाप्ति के बाद अन्य दो मंत्रियों को कब क्या जिम्मेदारी दी जाति है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *