मुख्यमंत्री ने दिए शिक्षिका को पुलिस कस्टडी में लेने के आदेश।

देहरादून 28 जून 2018 (हि. डिस्कवर)
मुख्यमंत्री द्वारा जनता मिलन कार्यक्रम के दौरान उस समय अजीबोगरीब स्थित बन गयी जब मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी जनपद से अपनी फरियाद लेकर मुख्यमंत्री  आवास स्थित जनता मिलन हाल में अपनी बात रखनी चाही। शिक्षिका का नाम उत्तरा पन्त बहुगुणा है और वह बहुत समय से अपनी तैनाती देहरादून में करने के लिए विभाग को लिखती आ रही है।

अब जब उत्तरा पन्त बहुगुणा अपनी वस्तुस्थिति स्पष्ट करने मुख्यमंत्री के जनता मिलन दरबार में पहुंची तब उनके तीखे सुरों से नाराज मुख्यमंत्री ने उन्हें सस्पेंड करने की धमकी दे डाली। यह प्रकरण शायद दूसरी बार उत्तरा पन्त बहुगुणा के साथ हुआ है क्योंकि पिछली सरकार के दौरान भी वह सुर्खियों में रही ।
इस बार स्थिति कुछ अलग हो गयी जब उत्तरा पन्त बहुगुणा ने भरे दरबार कह दिए चोर हैं साले। और तो और वह यहीं नहीं रुकी। उन्होंने यहां तक आरोप लगा दिया कि ये शराब के माफिया हैं जिन्होंने शराब पिला-पिलाकर उनके पति को मार डाला है।

जनता मिलन हाल में तब सभी कैमरे उत्तरा पन्त बहुगुणा को कवर कर रहे थे अब देखना यह बाकी है कि कितने चैनल्स इस हाई प्रोफाइल मामले को अपने समाचारों में दिखा पाएंगे।
ज्ञात होकि उत्तरा पन्त बहुगुणा पिछले 20 सालों से दुर्गम क्षेत्र में कार्यरत हैं लेकिन विभाग ने उनकी कभी एक न सुनी। अब जबकि वह इसी फरियाद को लेकर जनता मिलन दरबार में पहुंची तो मुख्यमंत्री की ऐसी फटकार से अचंभित रह गयी। इंसाफ की उम्मीद छोड़ चुकी उत्तरा पन्त बहुगुणा ने भी सबके सामने सारी भड़ास निकाल डाली।
यहां उत्तरा ने भरसक कोशिश की कि वह एक जन सेवक और जनता की परिभाषा स्पष्ट करवा सके लेकिन मुख्यमंत्री के तेवरों ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। आखिर ऐसा क्या मामला हो गया जो उत्तरा पन्त बहुगुणा का विभाग इतने बर्षों से सीमांत जनपद में तैनाती के बाद भी देहरादून ट्रांसफर नहीं करना चाहता जबकि वह पूर्व में उस से सम्बंधित सारे दस्तावेज विभाग में जमा करवा चुकी है। यह कहना कठिन है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को उनके मामले में ऐसा क्या नजर आया कि वे जनता मिलन कार्यक्रम में ही पहले उन्हें सस्पेंड करने की बात कहते हैं और बाद में कस्टडी में लेने की।
क्या कहा उत्तरा ने देखिए:-

One thought on “मुख्यमंत्री ने दिए शिक्षिका को पुलिस कस्टडी में लेने के आदेश।

  • June 29, 2018 at 6:46 pm
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    यही उदाहरण है है बीजेपी के नेताओं के खोखले नारों का बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ। प्रताड़ित महिला जो अन्याय से लड़ रही थी अपना आपा खो बैठी तो ऐसी सजा।लानत है ऐसे मुख्यमंत्री पर।

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