मुख्यमंत्री ने छात्रों को जल संचय एवं जल सरक्षंण-संर्वद्धन अभियान की दी जानकारी !

देहरादून 26 अप्रैल (हि. डिस्कवर)
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत शुक्रवार को राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय देहरा राजपुर रोड के 201वें वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकों एवं बच्चों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह विद्यालय अभिभावकहीन छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ ही संस्कार भी दे रहा है जो कि अपने आप में एक आदर्श उदाहरण है। इस विद्यालय के शिक्षक अभिभावकहीन छात्र-छात्राओं के शिक्षक ही नहीं अभिभावकों की भूमिका भी निभा रहे है। समाज के जो व्यक्ति या संस्थाएं इस प्रकार के कार्य करते है उनसे दूसरे भी प्रेरणा ले सकते है।
मुख्यमंत्री  ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यदि हम कोई सकंल्प लेते है तो ईश्वर का आर्शीवाद उस के साथ स्वतः ही जुड़ जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में अपने चरित्र या जीवन से शिक्षा दी जाती है न केवल उपदेश देने से। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय देहरा के छात्र अपने गुरूजनों के आचरण का अनुकरण करेंगे तथा अपनी शिक्षा पूरी होने पर विद्यालय में भी अपना योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ ही संस्कार भी अति आवश्यक है। राज्य सरकार इस प्रकार समाज कार्य करने वाले विद्यालय की प्रत्येक संभव सहायता करेगी। उन्होंने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री  ने राज्य सरकार द्वारा 25 मई जल दिवस के अवसर पर आरम्भ किए गए जल संचय एवं जल सरक्षंण-संर्वद्धन अभियान के बारे में बच्चों को अवगत कराया तथा जल संचय के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि हमारे राज्य में 20 लाख टाॅयलेटस है। राज्य की 1.10 करोड़ की आबादी है। प्रति व्यक्ति द्वारा शौचालय प्रयोग के दौरान एक दिन में लगभग 7 से 10 लीटर पानी का उपयोग किया जाता है। यदि प्रत्येक व्यक्ति एक लीटर पानी भी रोज बचाता है तो सम्पूर्ण राज्य में हम लगभग 1 करोड़ लीटर पानी बचा सकते है।यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता से अपील की इसके लिए हमें अपने टाॅयलेट के सिस्टर्न में एक लीटर की प्लास्टिक की बोतल में आधा रेत व आधा पानी भरकर रखना होगा। इस प्रकार यदि एक परिवार प्रतिदिन 15 बार सिस्टर्न चलाता है तो प्रतिदिन 15 लीटर पानी की बचत होगी। ऐसा करने से सिस्टर्न की कार्यकुशलता पर कोई प्रभाव नहीं पडे़गा, किन्तु प्रदेश भर में एक वर्ष में लगभग 547.50 करोड़ लीटर पानी की बचत होगी। उन्होंने कहा कि हमें इस उपाय को अपने घरों के अतिरिक्त कार्यालयों तथा होटलो में भी अपनाना होगा।  इस अभियान में आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। उत्तराखण्ड का यह अभियान पूरे देश में पहुचना चाहिए।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक खजान दास, विद्यालयी छात्र-छात्राएंे, शिक्षक आदि उपस्थित थे।

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