मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की योगी से मुलाक़ात! वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के परिजनों की समस्या के समाधान की रखी बात! वन मंत्री डॉ. हरक सिंह ने भी लिखी चिट्ठी!

देहरादून 24 सितम्बर 2018 (हि. डिस्कवर)
इधर प्रदेश के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने चिट्ठी लिखी और उधर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास में शिष्टाचार भेंट कर वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के परिजनों को वन विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा जारी नोटिस के सम्बंध में जानकारी दी।
जहाँ विधान सभा सत्र के अंतिम दिन विगत दिनों विपक्ष व पक्ष के सदस्यों द्वारा भी वीर सिंह गढ़वाली के परिजनों के इस मामले को सदन के संज्ञान में लाया गया था वहीँ वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत द्वारा सदन को आश्वस्त भी किया गया था कि वे इस बारे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखेंगे! आज उन्होंने एक ओर योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा वहीँ दूसरी ओर मध्य क्षेत्रीय परिषद् की 21वीं बैठक में शिरकत करने पहुंचे प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस सम्बन्ध में स्वयं योगी आदित्यनाथ के आवास में उनसे मुलाक़ात कर यथास्थिति से उन्हें अवगत करवाया!
वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने पत्र संख्या 753/वी.आई.पी./मंत्री वन/2018 दिनांक 24/09/2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्बोधित करते हुए लिखा कि उनके द्वारा यह पत्र बड़े ही भावुक क्षण में लिखा जा रहा है क्योंकि आअज पूरा उत्तराखंड वन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के एक नोटिस के कारण आहत है! उन्होंने लिखा कि यह उनके लिए गौरव की बात है कि आपका जन्म पौड़ी जनपद में हुआ है और वहां आपका भावनात्मक सम्बन्ध भी रहा है इसीलिए उत्तरप्रदेश के साथ उत्तराखंड की जनता भी आप पर पूरा अधिकार मानती है!
उन्होंने पत्र में जानकारी देते हुए लिखा कि पेशावर विद्रोह के महानायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली को जिन्होंने 23 अप्रैल 1930 में अमानवीय अत्याचार का विद्रोह कर वीरता का महान परिचय दिया था और जिन्हें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी गढ़वाली की उपाधि देते हुए कहा था कि मेरे पास गढ़वाली जैसे चार और व्यक्ति होते तो देश कब का आजाद हो जाता! आज उन्हीं वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के परिवार में दो विधवा बहुओं और बच्चों पर बेघर होने का संकट मंडरा रहा है!
डॉ. हरक सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश संख्या -8829/14-2-674/74 का हवाला देते हुए लिखा कि बिजनौर जनपद के साहनपुर रेंज की हल्दुखाता वन क्षेत्र में कम्पाटमेंट न. 7 में वन रक्षक चौकी के समीप 10 एकड़ भूमि वीर चन्द्र सिंह गढवाली को 90 बर्ष तक लीज पर दी गयी थी लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उनका परिवार लीज शुल्क वहन करने में अक्षम रहा जिसके चलते 30-8-2018 को प्रभागीय वनाधिकारी बिजनौर वन प्रभाग द्वारा उक्त परिवार को पत्र जारी कर उन्हें अतिक्रमणकारी घोषित कर तत्काल भूमि खाली करने के आदेश जारी कर दिए गए !
उन्होंने अपने पत्र में समस्त उत्तराखंड की जनता की ओर से अनुरोध करते हुए लिखा है कि इस संकट का समाधान कर वन विभाग के उन संवेदनहीन अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही हो जिन्होंने देश के इस महानायक और उनके परिवार का अपमान किया है!
वहीँ दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास में शिष्टाचार भेंट कर वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के परिजनों को वन विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा जारी नोटिस के सम्बंध में जानकारी दी। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर  योगी आदित्यनाथ ने चन्द्र सिंह गढ़वाली जी के परिजनों को राहत देने के लिए समुचित कार्यवाही किए जाने के प्रति आश्वस्त किया। ज्ञात हो कि यह प्रकरण सोशल मीडिया में उठने के बाद प्रकाश में आया और फिर देश के मुख्य समाचार पत्रों व समाचार चैनलों की सुर्ख़ियों में आने के बाद इसका संज्ञान विधान सभा सत्र के दौरान विधान सभा सदस्यों द्वारा लिया गया जिसमें वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के परिजनों ने आहत होकर यहाँ तक कह दिया था कि उनके लिए अगर यहाँ जगह नहीं है तो उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जाय!

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