माँ सीता का समाधि स्थल व लक्ष्मण मन्दिर को तलाशने उडनखटोले से जायेंगे विनय! पौड़ी के पर्यटन क्षेत्र की करेंगे रैकी..!
(मनोज इष्टवाल)

क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि मात्र 9 लीटर डीजल व एक से पौन घंटे में आप देहरादून से उड़कर पौड़ी पहुँच सकते हैं? जी हाँ..यह कल्पना नहीं बल्कि एकदम सच है! यह सब आजकल सच करने के लिए हासा (हिमालयन एरो स्पोर्ट्स एसोसिएशन) के साथ मिलकर उत्तराखंड पर्यटन विभाग पौड़ी गढवाल में पर्यटन की सम्भावनाओं की तलाश में जुटा हुआ है! साहसिक खेलों के प्रति विश्व भर में बढ़े रुझान को देखते हुए प्रदेश सरकार ने अपनी पर्यटन नीति में 13 जिले 13 डेस्टिनेशन की कल्पना के तहत काम शुरू कर दिया है! पौड़ी जिले में लैंसडाउन में बढ़ती जा रही पर्यटकों की भीड़ का सम्मोहन नयार घाटी तक खींच लाने की कोशिश लगातार चल रही है वहीँ मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में पौड़ी जनपद के सितोंनस्यूं के धार्मिक पर्यटन स्थल भी शामिल हैं जिनमें सीता का समाधि स्थल फलस्वाडी व लक्ष्मण मन्दिर समूह (देवल गांव) प्रमुखता से सम्मिलित हैं!

ऐसे में हासा ने विगत दिनों नयार घाटी में अपने पावर पैरामोटर चालित ग्लाइडरों के माध्यम से आसमान में उड़कर पूरी घाटी का सर्वेक्षण किया और अब उनका अगला लक्ष्य पौड़ी के नजदीकी क्षेत्र में साहसिक पर्यटन सम्बन्धी गतिविधियों को संचालित करने का खाका है जिसके लिए हासा के सचिव विनय कुमार कल सुबह (3 नवम्बर 2019) को 6 बजे प्रात: देहरादून से उड़कर पैराग्लाइडर के माध्यम से पौड़ी के रांसी स्टेडियम में उतरेंगे! इस बात की जानकारी देते हुए पैराग्लाइडर बिशेषज्ञ व लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी मनीष जोशी ने बताया कि वह आज हवाओं का रुख भांपने के लिए रांसी स्टेडियम गए थे व उन्होंने इसे सही पाया है! उन्होंने बताया कि बिनय सिंह सुबह लगभग 6 बजे देहरादून से टेक ऑफ करके पौड़ी सवा सात बजे सुबह रांसी में लैंड करेंगे!
उन्होंने कहा कि उनकी बिनय सिंह से बात हुई है कि रांसी टेक ऑफ करने के बाद वह गगवाडस्यूं सितोंनस्यूं घाटी से देवप्रयाग तक एक बार फिर उड़ेंगे व वहां साहसिक पर्यटन अर्थात हवाई पर्यटन का हवाई सर्वेक्षण कर उसकी जानकारी जुटाएंगे! वहीँ पॉवर पैरामोटर के पायलट बिनय सिंह ने फोन पर जानकारी देते हुए बताया कि देहरादून से पौड़ी की हवाई दूरी मात्र 67 किमी. है जिसे वे आसानी से लगभग पौन या एक घंटे में पूरा करेंगे! उनसे प्राप्त जानकारी के अनुसार उनकी इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय विधायक मुकेश कोहली व जिला पंचायत अध्यक्ष यशपाल बेनाम से भी बातचीत हुई है और सुबह यशपाल बेनाम इस मौके पर रांसी स्टेडियम पहुंचेंगे!
आपको जानकारी दे दें कि ने 2004 आईआईटी रूडकी से आर्किटेक्ट की डिग्री ली है तथा 2006 से वह उत्तराखंड में इसी क्षेत्र में प्रैक्टिस भी कर रहे हैं! उनका त्रिज्या डिजाईन स्टूडियो के नाम से देहरादून के राजेन्द्र नगर में कार्यालय है! एरोस्पोर्ट्स उनकी हॉबी में शामिल है और उसके लिए वह विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद ही अपनी इस रूचि को सार्थक करने एन लगे हुए हैं!
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हासा का मुख्य लक्ष्य 13 जिलों के उन साहसिक पर्यटन स्थलों की मोनिटरिंग करना व यहाँ के बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार के प्रति जागरूक करना है! उन्होंने बताया कि उन्हें बहुत दिलचस्पी है कि वे रांसी के बाद सितोंनस्यूं के कोट ग्राउंड में उतरें व वहां से सीता माता के उस गाँव व खेत का भी दर्शन करने जाएँ जहाँ माँ सीता देखते ही देखते धरती में समा गयी थी! वे चाहते हैं कि उनकी टीम के साथ वह स्वयं देवल गाँव जाकर हल्के से तिरछे झुके लक्ष्मण मन्दिर के दर्शन करने भी जाएँ!
बहरहाल पर्यटन विभाग व मुख्यमंत्री की साझा पहल के बाद पौड़ी में जिस तरह से साहसिक खेलों के तहत पर्यटन व्यवसाय तलाशा जा रहा है वह निश्चित ही आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा ऐसा मेरा मानना है!