माँ-बेटी मेले में की ठेठ ग्रामीण महिलाओं ने शिरकत।
नैनीताल 25 मई 2018 (हि. डिस्कवर)
जनपद के गौला नदी तट पर बसे विकास खाल ओखल कांडा के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खनस्यू द्वारा बार्षिकोस्तव “माँ-बेटी मेला” के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत खण्ड शिक्षा अधिकारी आर बी सविता द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई। इस दौरान स्कूली छात्राओं द्वारा कई रंगारंग कार्य्रकम प्रस्तुत किये गए। जहां सीनियर वर्ग की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ किया गया वहीं कक्षा सातवीं की छात्राओं द्धारा “इतनी सी हंसी इतनी सी खुशी ” नामक गीत से सबका मन मोह लिया। इसके पश्चात कई तरह के कार्यक्रमों की प्रस्तुति के बाद बारहवीं कक्षा की छात्राओं द्वारा उत्तराखण्ड के सबसे चर्चित गीत ” चैता की चैतवाली” की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया।
कार्यक्रम के दौरान वार्डन सुशीला जोशी ने जानकारी देते हुए एक ओर जहां कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की अपनी उपलब्धियों को अभिवाहकों के समक्ष रखा वहीं उन्होंने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “माँ-बेटी मेला” आयोजन करने के पीछे विद्यालय परिवार का यही लक्ष्य है कि माँयें स्कूल आकर अपनी बेटियों की शिक्षा दीक्षा के तौर तरीकों से संतुष्ट होकर ये गर्व महसूस कर सकें कि उनकी बेटियाँ किस तरह अपना जींवन सुधार रही हैं। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए आवाहन किया है कि जो भी इस माँ बेटी मेले में शिरकत करने यहां पहुंचे हैं कृपया अपने अडोस पड़ोस की उन माँओं को भी समझाएं जिनकी बेटियां गरीबी या किसी अन्य कारण से आगे की शिक्षा ग्रहण करने में अक्षम रही हैं। ऐसी ड्राप आउट बेटियों के लिए केजीबीवी से अच्छा कोई प्लेट फॉर्म नहीं है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार आवासित विद्यालय में ही विद्यालय संचालित करने पर भी विचार कर रही है।
वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खण्ड शिक्षा अधिकारी आर बी सविता ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि नैनीताल जिले का सबसे दूरस्थ विकास खण्ड होने के बावजूद भी यह केजीबीवी पूरे प्रदेश के 28कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में टॉप 3 रैंकिंग में शुमार है। उन्होंने एक ओर जहां विद्यालय परिवार की जमकर तारीफ की वहीं वार्डन सुशीला जोशी के कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि ये उन्हीं के व्यक्तिगत प्रयासों का प्रतिफल है कि आज समाजसेवी एन डी कफलटिया ने विद्यालय परिवार को जो भूमिदान दिया है उस पर विशालतम विद्यालय भवन का निर्माण हो पाया है। विद्यालय परिवार एन डी कफलटिया का ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि हो सकता है इन दो तीन माह में उनके ट्रांसफर आर्डर हो जाएं लेकिन उन्हें खुशी है कि उन्होंने अपने कार्यों को यहां बेहद ईमानदारी से निभाया है।
समाजसेवी एन डी कफलटिया ने खण्ड शिक्षा अधिकारी के कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने इन तीन बर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में हमारे विकास खंड को अग्रिम पंक्ति में ला खड़ा कर दिया है। वह जहां कहीं भी जाएं एक बार प्रमोशन के बाद दुबारा इस क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था का कायाकल्प करने अवश्य पहुंचे।
विगत 2013-14 में तमाम उत्तराखण्ड के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की मॉनिटरिंग कर चुके विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल ने कहा कि उन्हें सबसे बड़ा गर्व इस बात का है कि इस विद्यालय की छात्राओं द्वारा पूरे ख़नस्यु क्षेत्र में विशाल हुजूम के साथ कई नुक्कड़ नाटक किये जिसमें उन्होंने यहां के क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की तख्तियां गले में टांगकर उनसे प्रश्न किया था कि आखिर कब तक उन्हें इंटर कक्षाओं में अध्ययन हेतु मीलों पैदल चलकर ओखलकांडा जाना पड़ेगा। अपने नुक्कड़ के माध्यम से अपनी शैक्षिक हालात पर प्रश्न उठाती इन छात्राओं की ज्वलंत समस्याओं के आखिर यहां से लेकर देहरादुन तक आवाज बुलंद की और जनप्रतिनिधियों ने इसे गम्भीरता से लेते हुए आखिर खनस्यु में इंटर कालेज की मान्यता दिला ही दी। उन्होंने कहा कि वे तब इस विद्यालय को उत्तराखण्ड के तमाम कस्तूरबा विद्यालयों में टॉप में गिनते थे जब यहां न विद्यालय भवन था न कोई सुख सुविधाएं ही थी।
“माँ बेटी मेला” कार्यक्रम का समापन दूर दूर से आई माँ व पुरानी विद्यालयी छात्राओं द्वारा झोड़ा नृत्य प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन स्कूल की अध्यापिका प्रभा ढेला द्वारा किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में खण्ड शिक्षा अधिकारी आर बी सविता, समाजसेवी एन डी कफलटिया, वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल, आरती साहू, डॉ. ऋचा गढ़िया, श्रीमती बेरी, समाजसेवी रवि गोस्वामी, श्रीमती रजनी पांडे, बिमल कुमार इत्यादि मौजूद रहे।