महाराज के निजी सचिव की मानवता पर गदगद हुए गुजराती बोले-सचमुच यह देवभूमि है।
गौरीकुंड/देहरादून 1 अक्टूबर 2018 (हि. डिस्कवर)
गुजरात से केदारनाथ यात्रा को पहुंचे 40 सदस्यीय दल में 60 बर्षीय महिला श्रीमती जमुनादेवी नन्दलाल सोमानी की गौरीकुंड में हृदयगति रुक जाने से मौत हो गयी। रविवार होने व जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग के देहरादून प्रवास होने के कारण जैसे तैसे इस दल द्वारा पर्यटन संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज के निजी सचिव सतेंद्र सिंह सजवाण से सम्पर्क साधा। विकट परिस्थितियों में जहां एक ओर गुजराती परिवार मृतक का पोस्टमार्टम करने से इंकार कर रहा था वहीं दूसरी ओर विगत दिनों से चल रही टैक्सी यूनियन की हड़ताल के कारण परिस्थिति और अधिक बिषम थी।
सतपाल महाराज के निजी सचिव सजवाण ने फोन पर जानकारी देते हुए कहा कि यह मेरे लिए भी अजीब सी असमंजस जैसा हो गया क्योंकि छुट्टी के दिन मेरी योजना परिवार के साथ कुछ खरीददारी की थी लेकिन इस परिवार की बिडम्बना के चलते सारे कार्यक्रम पोस्टपोंड कर मैंने अपने हर सम्बन्धों के माध्यम से इस परिवार की सहायता करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि उन्होंने पहले जिलाधिकारी से सम्पर्क किया तो पता चला कि वे देहरादून हैं। फिर उन्होंने ए डी एम गुणवंत से बातचीत करके सारे प्रकरण को समझाया।
सतेंद्र सिंह सजवाण के अनुसार रविवार के कारण यह प्रकरण थोड़ा टेड़ा सा हो गया और मैं कई घण्टों तक फोन से लगातार अधिकारियों कर्मचारियों से सम्पर्क करता रहा। उन्होंने बताया कि सीएमओ रुद्रप्रयाग झा व एडीएम गुणवंत भी उन से लगातार सम्पर्क में रहे। यहां दिक्कत यह थी कि परिवार मृतक का पोस्टमार्टम नहीं करना चाहता था ऐसे में जैसे तैसे सीएमओ व अन्य सम्बन्धित विभागों की रजामंदी के बाद बमुश्किल एक गाड़ी से मृतक की डेडबॉडी को रवाना किया गया।
मृतक के पुत्र ने बड़ोदरा पहुंचकर पर्यटन मंत्री के निजी सचिव की खुलकर प्रशंसा की । उन्होंने कहा कि ऐसे लोग देवभूमि में ही हो सकते हैं जो दूसरों के लिए इतना दर्द लेते हैं क्योंकि माँ के लिए न सिर्फ हड़ताल के दौरान टैक्सी व्यवस्था करवाना बल्कि फ्लाइट से मृतक बॉडी को गुजरात तक ले जाने की व्यवस्था करना वास्तव में हम लोगों के लिए प्रदेश में लाचारी के अलावा कुछ नहीं था। उन्होंने जो सहायता की वह मैं कभी नहीं भुला पाऊंगा।
आदरणीय सजवाण जी, निजी सचिव माननीय सतपाल महाराज जी के द्वारा किये गए इस नेक कार्य के लिए वे बधाई के पात्र हैं। जैसे मददगार महाराज जी हैं वैसे ही उनके निजी सचिव भी…. शानदार सोच और कार्य ….
aapki jai ho