महाकौथीग में सम्मानित होंगे तीन उत्तराखंडी पत्रकार! आगामी 21 दिसम्बर से 25 दिसम्बर तक जुटेगा प्रवासियों का मेला!
गाजियाबाद/देहरादून 19 दिसम्बर 2017 (हि. डिस्कवर)
विगत कई बर्षों से उत्तराखंडी थाती-माटी की खुशबु दिल्ली महानगर व गाजियाबाद क्षेत्र में बिखेरते आ रहे प्रसिद्ध संगीतकार व संस्कृतिकर्मी राजेन्द्र चौहान व लोकगायिका कल्पना चौहान ने इस बार फिर महाकौथीग को आयोजित करने का बीड़ा उठाया है. विगत कई बर्षों से एनसीआर इंदिरापुरम में इस कौथीग का आयोजन करते आ रहे राजेन्द्र चौहान ने बताया कि इस बर्ष हिमालय पुत्री नंदा की जात्रा पूरे शहर में निकालने के बाद इस महाकौथीग का शुभारंभ किया जाएगा!
ज्ञात हो कि विगत बर्षों से इस महाकौथीग में न सिर्फ दिल्ली व गाजियाबाद अपितु देश के कोने-कोने से उत्तराखंडी मूल के हजारों लोग यहाँ प्रतिभाग करने पहुँचते हैं. इस कौथीग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह गढ़-कुमाऊं दोनों को ही समानता के साथ मंच में स्थान देते है और यही कारण भी है कि यहाँ हजारों की संख्या में प्रतिबर्ष इस आयोजन में शिरकत करने लोग आते हैं! महाकौथीग का मुख्य आकर्षण पहाड़ की लोक संस्कृति, भेषभूषा, खानपान इत्यादि है जो प्रवासियों के उस दिव्य स्वप्न को पूरा करती महसूस होती है जिसे वे बर्षों पूर्व अपनी जड़ों के साथ पहाड़ में छोड़ आये थे!
राजेन्द्र चौहान
महाकौथीग के आयोजक राजेन्द्र चौहान का कहना है कि इस कौथीग के आयोजन का मकसद ही यह है कि हम जहाँ कहीं भी रहें हमारी आने वाली पीढियां अपने आभूषण, परिधान, खान-पान, लोक नृत्य, लोकगीत इत्यादि पर गौरान्वित होकर गर्व महसूस कर सकें! उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंडी न सिर्फ देश में बल्कि विदेश में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मना चुके हैं और आज हम सब गर्व करते हैं कि हमारा जन्म ऐसी देवभूमि में हुआ जहाँ की लोकपरम्पराओं में हमारे देवी-देवता व देवतुल्य मनुष्य आज भी स्थान रखते हैं!
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि इस बार महाकौथीग उत्तराखंड मूल के ऐसे तीन वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित करेगा जिन्होंने साहित्य, संस्कृति, राजनीति, धर्म, पर्यटन, लोक समाज जैसे मुद्दों पर अपने शानदार लेखों से देश दुनिया में उत्तराखंड के नाम को रोशन किया है. उन्होंने बताया कि दिल्ली में रह रहे वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवी सुनील नेगी को उनकी रचनात्मक पत्रकारिता, लेखन व राजनीतिक पत्रकारिता में उत्तराखंड के मूल्यों को सममिलित करने के लिए, वरिष्ठ पत्रकार वेद विलास उनियाल को उनके बिलक्षण राजनीतिक लेखों द्वारा उत्तराखंडी समाज की अगुवाई करने व कई सम्पादकीय लेखों के लिए तथा वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल को उत्तराखंडी लोक समाज, लोक साहित्य, लोक संस्कृति, फिल्म प्रोडक्शन, विलुप्त प्राय: लोक गीतों, लोक वाद्यों के संरक्षण संवर्धन हेतु महाकौथीग अपने मंच से सम्मानित करेगा!
ज्ञात हो कि जहाँ वरिष्ठ पत्रकार सुनील नेगी ने बर्षों तक निरंतर राजनीतिक पत्रकारिता की वहीँ उनकी उत्तराखंडी राजनीति में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी बिशेष दखल रही जहाँ एक दौर में वे पर्वतपुत्र हिमवती नंदन बहुगुणा के निकट रहे वहीँ फिल्म अभिनेता राजेश खन्ना के राजनीति में आने के पश्चात वे उनके प्रेस सलाहकार रहे! उनके द्वारा “उत्तराखंड व्हूज हु” अंग्रेजी 800 पन्नों के दो संस्करण संपादित किये गए! यहीं नहीं उन्होंने “हवोक इन हेवन” (देखि पीड़ा पहाड़ की) का अंग्रेजी रूपांतरण भी सम्पादित किया! साथ ही सुनील नेगी दिल्ली महिला आयोग के 10 बर्ष तक मीडिया कंसलटेंट भी रहे!
वहीँ वेद विलास उनियाल ने मुंबई में जनसत्ता से अपनी पत्रकारिता शुरू करते हुए 11 बर्ष जनसत्ता को देने के बाद अमर उजाला दैनिक जागरण जैसे समाचार पत्रों में बड़े पदों पर कार्य करते हुए अपनी धारदार लेखनी से कई उत्तराखंडी समसामयिक मुद्दों को प्रखरता से उठाते हुए अपने लेखों में प्राथमिकता दी. उन्होंने “सुन मेरे बंधू” व देखी पीड पहाड़ की” दो किताबें भी लिखी!
मनोज इष्टवाल ने पत्रकारिता की शुरुआत यूँ तो दिल्ली से की लेकिन उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद उन्होंने देहरादून को अपना कार्यक्षेत्र बनाते हुए उत्तराखंडी लोक साहित्य, संस्कृति, धर्म पर्यटन व वहाँ के गीतों वाद्य यंत्रों व जनजातीय संस्कृति पर बेहद बारिकी से शोध करते हुए उनके कई देश ही नहीं कई विदेश की पत्रिकाओं, न्यूज़ चैनल्स इत्यादि में भी प्रकाशित प्रसारित हुए है! छात्र राजनीति से राष्ट्रीय राजनीति तक दखल रखने वाले मनोज इष्टवाल हिमवती नंदन बहुगुणा के लोकदल में उस दौर में युवा लोक दल दिल्ली प्रदेश के महासचिव भी रहे! उनके द्वारा उत्तराखंडी लोक समाज संस्कृति पर “ जौनसार बावर संस्कृति एवं सामाजिक परिवेश”, “ढोल सागर- आदि न अंत”, दर्द का रिश्ता, “बिखरा हुआ सा कुछ” “गॉड ऑफ़ जस्टिस – गोल्ज्यू देवता”, “जोहार की जुहार”, सहित सात पुस्तकों का लेखन कार्य किया गया है जो ज्यादात्तर प्रकाशन में हैं!
महाकौथीग ने तय किया है कि इस बार नंदा राज जात डोली व बद्रीश भगवान को महाकौथीग में बिशेष स्थान दिया जाएगा!