‘‘मन मंजूषा’’ के विमोचन पर बोली राज्यपाल- नशे की तरफ बढ़ रही बेटियों पर लिखें कविता व गीत!
राजभवन देहरादून, 24 जुलाई, 2019 (हि. डिस्कवर)
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को राजभवन में लेखिका डा0 नीलमप्रभा वर्मा की पुस्तक ‘‘मन मंजूषा’’ के विमोचन के अवसर पर अपने मन की पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के लेखकों, कवियों और गीतकारों को उन बेटियों पर भी रचनाएँ लिखनी चाहिए जो तेजी से नशे की आदी होती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह समाज के लिए हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि तेजी से बदलते सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश में हम अपनी पुरातन मूल्यों के संवर्धन हेतु कार्य करें ताकि हमारी वर्तमान युवा पीढ़ी अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग रह सके!

राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि लेखकों को अपनी रचनाओं में महिलाओं की समस्याओं और मुद्दों को संवेदनशीलता से उठाने की जरूरत है। पाठकों में महिलाओं के प्रति सम्मान व संवेदनाएं जगाने में अच्छी रचनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। देशभक्ति से परिपूर्ण कविताओं और लेखों से युवाओं को देशनिर्माण में सहभागिता की प्रेरणा मिलती है। साहित्य में संस्कृति, परम्पराओं व स्थानीय उत्पादों को भी महत्व दिया जाना चाहिये। इण्टरनेट के इस युग में पुस्तकों के प्रति प्रेम बनाये रखना चुनौती पूर्ण है। परन्तु अच्छी सुरूचिपूर्ण रचनाओं से लोगों को पुस्तकों से जोड़ा जा सकता है।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है। लेखक और कवि इसी दर्पण के माध्यम से समाज को उसका वास्तविक चेहरा दिखलाता है। लेखक अपनी लेखनी से जो उजाला फैलाता है उससे व्यक्ति, समाज और राष्ट्र को दिशा मिलती है।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि हिन्दी साहित्य महिला लेखकों और कवियत्रियों की दृष्टि से सदैव समृद्ध रहा है। महादेवी वर्मा, सुभद्रा कुमारी चैहान, गौरा पंत शिवानी जैसी लेखिकाओं का नाम तो हिन्दी साहित्य में अजर-अमर रहेगा।
लेखिका डाॅ. नीलम प्रभा वर्मा ने अपनी पुस्तक ‘‘मन मंजूषा’’ में 78 कविताओं की रचना की है। लेखिका डाॅ. वर्मा ने राजनैतिक, सांस्कृतिक, प्रकृति, मानवीय भावनाओं व विभिन्न विषयों पर उक्त 78 कविताओं की रचना की है। पुस्तक का प्रकाशन धाद प्रकाशन ने किया है। इस अवसर पर धाद संस्था के पूर्व केन्द्रीय अध्यक्ष हर्षमणी ब्यास, वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल, वीरेन्द्र डंगवाल पार्थ, साहित्यकार श्याम सिंह “श्याम”, जिया नहटौरी, अविनाश वर्मा, समाजसेविका सविता जोशी, श्रीमती राजेश्वरी चंदोला, पल्लवी जोशी व डिम्पल सानन इत्यादि उपस्थित थे!