भूमाफियाओं ने कब्जाई मालसी रेंज में जंगलात की कई बीघा जमीन।

देहरादून 13 मई 2018 (हि. डिस्कवर) ।
देहरादून के वीवीआइपी क्षेत्र राजपुर से लगी जंगलात की सैकड़ों बीघा जमीन पर आपसी मिलिभगत में भूमाफिया बिना खौफ के लगातार जमीन पर कब्जा कर उसे बेच रहे हैं। हाल ही में एक प्रकरण गलज्वाड़ी का सामने आया है जिसमें रातों-रात कन्स्ट्रक्शन कर एक भूमाफिया ने जंगलात की लगभग 15 बीघा जमीन कब्जाकर उसमें प्लाटिंग करने की कोशिश की लेकिन वन विभाग के मुखिया जयराज के संज्ञान में मामला आने के बाद आखिर स्वयं वह कन्स्ट्रक्शन भूमाफिया को अपने हाथों ढहना पड़ा।
यदि सूत्रों की माने तो बर्ष 2011तक गलज्वाड़ी क्षेत्र में मात्र 60 या 70 मकान थे जबकि वर्तमान में आपसी मिलीभगत से ये लगभग 300 पर कर चुके हैं। यहां भूमाफिया इतने प्रभावी हैं कि कहीं भी कभी भी जंगलात की जमीन पर कब्जा कर रातों-रात उसे बेच देते हैं ऐसे में  अंगुली विभागीय उन कर्मचारियों के उपर भी उठती है जो बर्षों से इसी रेंज में जमे हुए हैं एवं जिन्होंने अकूत प्रॉपर्टी जोड़ रखी है। ये ऐसे मातहत हैं कि जिनका ट्रांसफर हक्ति होते रुक जाता हैं क्योंकि ये करप्ट सिस्टम के मगरमच्छ कहलाते हैं।
ज्ञात हो कि विगत जुलाई 2017 में जब इसकी नींव खुद रही थी तब हथियार जब्त कर लिए गए। पुनः जंगलात ने नींव खोदते हुए हथियार जब्त किए व नींव बनने के बाद पुनः जंगलात द्वारा अगस्त 2017 को नींव अपने हाथों तोड़ी। यहां आश्चर्य की बात यह है कि तीन बार एक ही स्थान पर कन्स्ट्रक्शन किये जाने व 10 से 15 बीघा बन विभाग की जमीन पर कब्जा जमाने की चेष्टा करने वाले पवन व अशोक ममगाई पर वन विभाग द्वारा आधिकारिक कार्यवाही नहीं की गई इसीलिए उनके बुलंद हौसले फिर पनपे और उन्होंने इसी जमीन पर रातों-रात मकान खड़ा कर दिया व उसमें परिवार की बसागत भी करने की तैयारी कर दी लेकिन वन विभाग के मुखिया जयराज तक जब यह बात पहुंची तो उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सख्त कार्यवाही करने को कहा।विभाग ने सख्त कार्यवाही स्वरूप सिर्फ यह किया कि पवन व अशोक ममगाई को अपने हाथों फिर से कन्स्ट्रक्शन ध्वस्त करने पड़ा लेकिन अभी भी उसका फ्रेम मौजूद है और यह पूरी उम्मीद की जा सकती है कि आगामी समय में उस पर पांचवीं बार कन्स्ट्रक्शन किया जाएगा। आखिर पवन व अशोक ममगाई ने ऐसी कौन सी जड़ी विभाग को पिला रखी है जो उन पर कानूनन कार्यवाही करने से बार बार विभाग कोताही बरत रहा है।
अब देखना यह है कि क्या जंगलात के मुखिया जयराज ऐसे कर्मियों को चिन्हित कर उन्हें इस रेंज से किसी अन्यत्र ट्रांसफर करते हैं या फिर जमीन कब्जाने वाले भूमाफियाओं का साथ देने में इन पर विभागीय कार्यवाही करते हैं।

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